प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर की नदियों को आपस में जोड़ने का समर्थन किया है। साथ ही, कहा है कि इस कदम से अधिक जल वाले क्षेत्रों तथा जल की कमी से जूझने वाले क्षेत्रों के बीच असंतुलन को समाप्त करने में सहायता मिल सकती है।प्रधानमंत्री ने स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन के दौरान एक छात्र के प्रश्न के उत्तर में कहा कि दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी भारत में है जबकि देश के पास जल का केवल 4 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘हमारी आबादी के लिहाज से पानी सीमित है। कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां बाढ़ आती है। कई जगह नदियां सूखी पड़ी हैं। अगर इन्हें आपस में जोड़ दिया जाए तो समस्या हल हो सकती है। उन्होंने कहा कि नदियों को जोड़ना सरकार की परिकल्पना है और एक दिन यह हकीकत बनेगी।’ इससे पहले उन्होंने अलग-अलग जगहों से जुड़े एक लाख प्रतिभागियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा किसी के भी पास दुनियाभर का ज्ञान नहीं होता।प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह सरकार पर भी लागू होता है। सरकारें यह सोच कर सबसे बड़ी गलती करती हैं कि वे अकेले बदलाव ला सकती हैं। जबकि, बदलाव लाता है, भागीदारीपूर्ण शासन। उन्होंने कहा कि सभी समस्याओं का मूल जानना जरूरी है| उन्हें हल करने के लिए अलग तरह से सोचने की जरूरत है। उनका मानना है कि नवोन्मेष महज एक शब्द भर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘नवोन्मेष एक सतत प्रक्रिया है। प्रश्न करना नवोन्मेष का अहम पहलू है।’ मोदी ने कहा कि आईपीपीपी…‘ इनोवेट, पेटेंट, प्रोड्यूस और प्रॉस्पर’… ही आने वाले दिनों में नवोन्मेष को संचालित करेंगी।