विहिप ने फैजाबाद का नाम बदलकर ‘श्री अयोध्या’ करने की मांग की

फैज़ाबाद / अयोध्या
लखनऊ। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुये फैजाबाद का नाम बदलने की मांग की है। विहिप की ओर से कहा गया है कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुये फैजाबाद जिले का नाम बदलकर ‘श्री अयोध्या’ किया जाए। विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करके संतों की मांग का सम्मान किया है। यह कदम स्वागत योग्य है, जैसे सरकार ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया है, उसी तरह फैजाबाद का नाम भी बदलकर ‘श्री अयोध्या’ कर देना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि ‘आज देश में अनेक सड़कें, भवन, जनपद, गुलामी का बोध कराते आ रहे हैं। देश को अंग्रेज दासता से मुक्ति जरूर प्राप्त हुई है परन्तु उनके प्रतीक आज भी हर हिन्दुस्तानी के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाते हैं। वर्तमान सरकारें भावनाओं को समझें और भविष्य की पीढ़ी को इन गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति दिलायें।’ शर्मा ने कहा कि योगी सरकार दीपावली पर दीपोत्सव महोत्सव के दौरान साधु संतों के समक्ष नाम बदलने की घोषणा कर सकते हैं। गौरतलब है कि इस सप्ताह मंगलवार को उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने ऐतिहासिक शहर इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने का प्रस्ताव किया था जिसको कैबिनेट से पास कर दिया था।

विहिप ने फैजाबाद का नाम बदलकर 'श्री अयोध्या' करने की मांग की
कैबिनेट बैठक के बाद मंगलवार को राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा था कि प्रयागराज नाम रखे जाने का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में आया, जिसे मंजूरी प्रदान कर दी गयी। ऋगवेद, महाभारत और रामायण में प्रयागराज का उल्लेख मिलता है। उन्होंने कहा था कि सिर्फ वह ही नहीं बल्कि समूचे इलाहाबाद की जनता, साधु और संत चाहते थे कि इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाए। जब मुख्यमंत्री ने कुंभ से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता की थी, तो उन्होंने खुद ही प्रस्ताव किया था कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया जाना चाहिए। सभी साधु संतों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर मुहर लगायी थी। योगी सरकार के फैसले पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था कि ये लोग पुन: नामकरण करके ही अपना कार्य दिखाना चाहते हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ओंकार सिंह ने कहा था कि जिस क्षेत्र में कुंभ होता है, उसे प्रयागराज ही कहा जाता है और अगर सरकार इतनी ही उतावली है तो एक अलग नगर बसा सकती है लेकिन इलाहाबाद का नाम नहीं बदला जाना चाहिए।

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