नई दिल्ली :विशेष जज एमएस आजमी ने विजय माल्या के उस बयान को खारिज कर दिया है जिसमें उसने कहा था कि केंद्र सरकार ने उसके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध छेड़ा हुआ है। इसी वजह से उसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई और जांच शुरू की हुई है।
जज ने ब्रिटेन में रहने के पीछे दिए इस आधार को नकार दिया है। अपने 55 पन्नों के आदेश में आजमी ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया। उन्होंने कहा, इस संबंध में तर्क देकर खुद को कानून का पालन करने वाले नागरिक के तौर पर पेश करना कपोल कल्पना मात्र है।
अभियोजन पक्ष ने उनके खिलाफ जो बयान दिया है वह किसी राजनीतिक कारणों है, इससे यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित नहीं किया जाना चाहिए। विशेष अदालत ने 5 जनवरी को माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था और कहा था कि उसकी संपत्तियों को जब्त करने के आदेश पर 5 फरवरी को फैसला लिया जाएगा।
यह पहला मौका था जब नए धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) कानून के अतंर्गत किसी के खिलाफ ऐसा आदेश पारित किया गया है। प्रवर्तन निदेशायल ने इस कानून के तहत विशेष अदालत में याचिका दायर की थी।
विशेष न्यायाधीश ने कहा कि माल्या ने इस बाते के संबंध में कोई सबूत पेश नहीं किए हैं जिससे यह साबित होता हो कि उसपर आरोप लगाकर कौन सा राजनीतिक फायदा मिल रहा है या उसे क्यों अपराधी बनाया जा रहा है। यह बयान केवल कल्पना के आधार पर हैं। इससे पहले बीते साल 26 दिसंबर को कोर्ट ने फैसला 5 जनवरी तक के लिए सुरक्षित कर दिया था।