बिचौलियों से बचाने के लिए योगी सरकार किसानों को देगी टोकन

उत्तर प्रदेश

प्रदेश में सरकारी गेहूं खरीद को लेकर आ रही शिकायतों और बिचौलियों पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने नयी तरकीब निकाली है. इसके तहत खाद्य और रसद विभाग की तरफ से किसानों के लिए टोकन दिये जायेंगे और दस दिन के भीतर इन किसानों से गेहूं खरीदना अनिवार्य होगा, नहीं तो गेहूं क्रय केंद्र के कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी.

असल में सरकारी एजेंसियों द्वारा की जा रही गेहूं खरीद में हो रही कई तरह की धांधलियों की शिकायत सरकार को मिल रही थी. किसानों को गेहूं बिचौलियों को तय सरकारी मूल्य से कम पर बेचा रहा था और यह बिचौलिए फिर सरकारी एजेंसियों को गेहूं बेच रहे थे. जो किसान क्रय केंद्र पर जा रहे थे, उनका गेहूं कर्मचारी नहीं खरीद रहे थे. जिसके कारण शासन स्तर पर कई शिकायतें आ रही थी.

विपक्षी दल भी इसे बढ़ा मुद्दा बना रहे थे. लिहाजा खाद्य एवं रसद विभाग ने अब इस मामले पर गंभीर रुख आख्तियार किया है. इसके तहत सभी क्रय एजेंसियों तथा खरीद से जुड़े अफसरों को सख्त हिदायत दी गयी है कि वह क्रय केंद्र पर एक टोकन रजिस्टर रखे. टोकन ले जाने वाले किसानों का गेहूं हर हाल में दस दिनों के अंदर खरीदें. इसके अतिरिक्त बिचौलियों की सक्रियता जानने के लिए सभी जनपदों के सर्वाधिक खरीद वाले दस क्रय केंद्रों पर हुई खरीद का सत्यापन करने की योजना बनायी गयी है.

खाद्य एवं आयुक्त आलोक कुमार ने बिचौलियों पर नकेल कसने के लिए हर जनपद के सर्वाधिक खरीद वाले दस क्रय केंद्रो का सत्यापन करने को कहा है. इसके अतिरिक्त एफसीआई में गेहूं की डिलीवरी करने तथा दो दिन के अंदर क्रय एजेंसियों का भुगतान करने का फरमान जारी किया गया है.

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