शराबबंदी कानून में व्यापक बदलाव का खाका तैयार, शराब पीते पकड़े गये लोगों को मिल सकती है एकमुश्त माफी

बिहार
पटना : बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में व्यापक संशोधन की तैयारी पूरी कर ली है. विभागीय सूत्रों की मानें तो कानून में संशोधन का खाका लगभग तैयार है. अनुमान है कि विधानमंडल के मॉनसून सत्र में सरकार संशोधन विधेयक लेकर आयेगी. इस फैसले से राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भी अवगत करा दिया है.
 सूत्राें के अनुसार शराबबंदी कानून में संशोधन का असल लाभ उन अभियुक्तों को मिलेगा, जिनके खिलाफ शराब पीने के मामले में अभियोजन चल रहा है.
ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज मामलों को एकमुश्त वापस ले लिया जायेगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार शराबबंदी कानून में जमानत का प्रावधान भी जोड़ा जा सकता है. विभागीय सूत्रों की मानें, तो बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम की धारा 32, 37, 50, 51, 53, 55, 56, 60, 62,64, 76 (2), 91 और 92, जबकि बिहार उत्पाद अधिनियम की धारा 68 में संशोधन का प्रस्ताव है.
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने दी लंबी दलील : संशोधन की कानूनी बाध्यता पर सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने 17 मई को लंबी दलील भी दी.
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह विधायिका को निर्देश नहीं दे सकती है. विधायिका संवैधानिक दायरे में रहकर संशोधन कर सकती है. गौरतलब है कि अप्रैल 2016 में बिहार उत्पाद अधिनियम में किये गये संशोधन को सितंबर, 2016 में पटना हाईकोर्ट की डबल बेंच ने असंवैधानिक घोषित कर दिया था. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सरकार ने अपील दायर कर रखी है. सात अक्तूबर, 2016 को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले के अनुपालन पर रोक लगा दिया था.
मकान जब्ती और नीलामी कानून में भी होगा संशोधन
अगर संपत्ति संयुक्त परिवार की हो, तो नहीं होगी जब्त
शराबबंदी कानून में मकान और वाहन की जब्ती व  नीलामी से संबंधित प्रावधानों में भी संशोधन किया जायेगा. नये नियम में इस  बात का ध्यान रखा जायेगा कि वह अभियुक्त की निजी संपत्ति हो. किसी अन्य की  या अभियुक्त के संयुक्त परिवार की संपत्ति होने पर उसकी जब्ती व नीलामी  नहीं की जायेगी.

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