अयोध्या से जुड़े राजनीति प्रेमियों के लिए एक बड़ी खबर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी हाल ही में भाजपा कार्यकर्ताओं को एक साफ़ संदेश दिया – मतदाता आवेदन को 75% तक ले जाना है। ये सिर्फ भाषण नहीं, बल्कि जमीन पर काम करने का सीधा निर्देश है।
तो सवाल है, ये कहे जाने का क्या मतलब है? सरल शब्दों में, हर गांव, हर मोहल्ले में जाके लोगों को वोटर लिस्ट में नाम जोड़वाना है। अगर पहले 50% लोग लिस्ट में थे, तो अब इसे 75% तक ले जाना है। इस लक्ष्य को पाने के लिए बोर्ड में कई कदम बताए गए हैं – सेप्टिक कैम्प, घर-घर जाकर जागरूकता, सोशल मीडिया पर अभियान, और सबसे ज़्यादा, वन-टू-वन संपर्क।
भाजपा के कार्यकर्ता अक्सर गांव-गांव में जाना, लोगों से मिलना और उनसे बात करना जानते हैं। अब उन्हें यह काम थोड़ा और तगड़ा करना है। सबसे पहले, अपने क्षेत्र में वोटर लिस्ट की वर्तमान स्थिति जाँचें – कौन-कौन नाम है, कौन नहीं। फिर एक सरल चेकलिस्ट बनायें: पहचानपत्र, मोबाइल नंबर, घर का पता। ये जानकारी पर्याप्त होने पर, सीधे चुनाव आयोग की वेबसाइट या कियोस्क पर प्रक्रिया शुरू करें।
अगर आपका पास कोई मोबाइल है, तो व्हाट्सएप ग्रुप बना कर अपडेट शेयर करें। अक्सर लोग सिर्फ़ सुविधा की कमी से वोटर लिस्ट में नहीं दिखते। एक छोटा सहारा – जैसे घर के पास ही एक छोटा पॉप-अप स्टॉल लगाना – बहुत मदद कर सकता है। इस तरह के छोटे-छोटे कदमों से आवेदन दर में तेज़ी आएगी, और 75% का लक्ष्य जल्दी पूरा होगा।
वोटर लिस्ट में जितने लोग हों, उतनी ही बड़ी आवाज़ बनती है। अगर 75% तक पहुँच जाए, तो सभी वर्गों की भागीदारी बढ़ेगी और चुनाव का परिणाम अधिक प्रतिनिधिक होगा। साथ ही, पार्टी का एंट्री लेवल भी बढ़ेगा – इससे नयी संभावना, नयी ऊर्जा और अधिक समर्थन मिल सकता है। यह लक्ष्य इसलिए रखा गया है कि हर नागरिक को अपने हक़ में भागीदारी का मौका मिले।
आख़िर में, यह सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है। भाजपा कार्यकर्ता अगर इस संदेश को दिल से लगाकर काम करेंगे, तो उनके क्षेत्र में मतदाता आवेदन की दर निश्चित ही बढ़ेगी। आपका छोटा‑सा प्रयास बड़ी बदलाव ला सकता है। तो चलिए, इस लक्ष्य को साथ मिलकर हासिल करें और अपने वोटर बेस को मजबूत बनायें।