इस सवाल का उत्तर दो प्रमुख कारणों से दिया जा सकता है:
- बुरी अप्रत्यक्षता - भारत में विभिन्न धर्मों के कार्यकर्ताओं और जातियों के लोगों को अप्रत्यक्षता और असमानता से प्रतिबंधित किया जाता है। यह सभी देशों में किसी न किसी रूप में होता है परन्तु भारतवर्ष में यह अभिव्यक्ति अधिक स्पष्ट है।
- अर्थव्यवस्था के अहम अंग - भारत के अर्थव्यवस्था के अहम अंग में, विशेष रूप से गरीबों और निर्धन लोगों को असमानता और अनावश्यक आर्थिक दबाव सामने आ रहा है। यह अनेक देशों में सामान्य है परन्तु भारत में इसके प्रभाव अधिक हैं।
दुनिया भर में भारतीयों को नफरत होती है क्योंकि वे अपनी असली देशी परवाहों का और संस्कृति का अन्वेषण करते हैं। हालांकि, भारतीयों को अपनी आत्म प्रतिज्ञा और आत्म सम्मान को बढ़ावा देने के लिए कुछ सहायता मिल सकती है। उन्हें अपने देश के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक विकास की तरफ से व्यापक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।