स्वस्थ आहार: रोज़ाना आसानी से अपनाएँ

अगर आप हर रोज़ थकान या वजन बढ़ते देख रहे हैं, तो सबसे पहले अपने खाने को देखिए। स्वस्थ आहार का मतलब महंगे सुपरफ़ूड नहीं, बल्कि सही चीज़ों को सही मात्रा में लाना है। आपके शरीर को ऊर्जा, मरम्मत और रख‑रखाव के लिए कार्ब, प्रोटीन, वसा और फाइबर चाहिए। इनको संतुलित रूप से मिलाने से आप फिट रहेंगे, रोग‑प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और पाचन सुधरेगा। चलिए, आसान‑आसान कदमों से समझते हैं कि रोज़ की थाली को कैसे हेल्दी बनाएं।

कार्बोहाइड्रेट को समझदारी से चुनें

सबसे पहले बात करते हैं कार्ब की। रोटी, चावल, दालें और ओट्स – ये सब कार्ब के मुख्य स्रोत हैं। पर सभी कार्ब एक जैसे नहीं होते। सफेद चावल या मीठे बिस्कुट की जगह ब्राउन राइस, मल्टी‑ग्रेन रोटी या साबूदाने जैसी फाइबर‑रिच विकल्प चुनें। ये धीरे‑धीरे ऊर्जा छोड़ते हैं, इसलिए आप भूख नहीं लगते और ब्लड शुगर भी स्थिर रहती है। अगर आपकी दिन की ऊर्जा जल्दी खत्म हो जाती है, तो अपने नाश्ते में ओट्स या दालिया जोड़ें, वह दिन भर आपको ताज़ा रखेगा।

प्रोटीन और फाइबर को न भूलें

प्रोटीन आपके मसल्स, हॉर्मोन्स और एन्जाइम्स का प्रमुख निर्माण ब्लॉक है। दाल, चना, राजमा, सोयाबीन, अंडा, दही और कम वसा वाला मांस अच्छे स्रोत हैं। एक साधारण नियम है – हर वैकल्पिक भोजन में प्रोटीन का एक पोर्शन रखें। साथ ही फाइबर पाचन को आसान बनाता है और कोलेस्ट्रॉल कम करता है। इसके लिए सब्ज़ियों, फल, बीज और नट्स को अपनी थाली में भरपूर शामिल करें। एक हाथ भर पालक, गाजर, टमाटर और एक मौसमी फल का टुकड़ा बहुत फ़ायदा देता है।

अब बात करते हैं रसोई में छोटे‑छोटे बदलावों की। तैलीय खाना कम करने के लिए तेल के बजाए ग्रिल या स्टीम का इस्तेमाल करें। मसालों में हल्दी, जीरा, काली मिर्च और अदरक मिलाने से पाचन सुधरता है और रोग‑रोधी गुण बढ़ते हैं। स्नैक्स को प्लास्टिक पैकेज्ड चीज़ों की जगह घर का बनाय़ा चना, भुने हुए चने या फल के स्लाइस में बदलें। ये न केवल कम कैलोरी वाले होते हैं, बल्कि पेट भी नहीं भरते।

खाने के टाइम को भी व्यवस्थित करें। लगभग हर 3‑4 घंटे में छोटी‑छोटी मात्रा में खाना बेहतर रहता है, क्योंकि इससे मेटाबॉलिज्म एक्टिव रहता है। लंच में दो कांटे की मात्रा में सब्ज़ी, एक छोटी कटोरी दाल या चिकन, और आधा कप चावल/रोटी रखें। डिनर को हल्का रखें – सलाद, सूप या दही के साथ कुछ प्रोटीन। रात को देर तक खा‑पीने से नींद में बाधा आती है और वजन बढ़ता है।

अंत में, पानी पीना न भूलें। पानी शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है, त्वचा को चमक देता है और ऊर्जा को बढ़ाता है। रोज़ कम से कम 8‑10 गिलास पानी पीने की कोशिश करें। यदि आपको पानी का स्वाद न पकड़ रहा हो, तो नींबू या ककड़ी के टुकड़े डालकर थोड़ा फ़्लेवर दे सकते हैं। इस तरह, छोटे‑छोटे कदमों से आपका स्वस्थ आहार आसान हो जाएगा और आप खुद को बेहतर महसूस करेंगे।

28 जुल॰
वजन कम करने के लिए सबसे अच्छा भारतीय आहार क्या है?
आरव रघुवंशी 0 टिप्पणि

अरे वाह, वजन कम करना है और वो भी भारतीय आहार से? तो आप बिलकुल सही जगह पहुंचे हैं। दोस्तों, भारतीय व्यंजनों में काफी स्वास्थ्य वर्धक तत्व होते हैं जो वजन कम करने में मदद कर सकते हैं। दाल, सब्जी, फल, दही और जवार या बाजरा की रोटी खाने से वजन कम हो सकता है। लेकिन हां, बिना खुद को कुछ मजेदार चीजों से वंचित किए, समझदारी से खाना चाहिए। यानी, अगली बार जब आप चाट, समोसा या जलेबी देखें, तो उन्हें प्यार से बोलिए, "तुम मेरे दिल के करीब हो, लेकिन मेरी कमर के नहीं!"

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