कानपुर नगर, जंगल में रहने वाले अब हर वन्यजीवों की आसानी से निगरानी की जा सकेगी इसके साथ ही उनकी अन्य गतिविधियों को भी
आसानी से देखा जा सकेगा, जिससे उनके जीवन के सम्बन्ध में काफी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। इसके लिए एयरोस्टेट बैलून की मदद
ली जायेगी साथ ही जीवों को किसी भी प्रकार का टीका लगाने के लिए उनके पास नजदीक नही जाना पडेगा, यह लिंक ड्रोन की मदद से संभव हो सकेगा। इस कार्य के लिए आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियर विभाग द्वारा तैयारी की जा रही है।
बताया जाता है कि इस प्रकार के गुब्बारे का प्रयोग सबसे पहले प्रयागराज के कुंभ में किया गया था साथ ही सीएए के विरोध में हिंसा के दौरान उपद्रवियो की निगरानी के लिए भी इसका इस्तेमाल किया गया था। यह एयरोस्टेट गुब्बारा एक बार गैस भरने के बाद 6 दिन तक 100 मीटर की ऊंचाई पर हवा में रह सकता है तथा आवश्यकता अनुसार इसे 300 मीटर की ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है। इस गुब्बारे में 30 मेगा पिक्सल के कैमरे है जो दिन के साथ रात में भी रिकार्ड कर सकते है।
बताया जाता है कि इन्हे ड्रोन से लिंक किया जायेगा जो जानवर के पास जासकेगा और उन्हे आसानी से ट्रैंकुलाइज कर देगा और यही विधि टीकाकरण के दौरान भी अपनाई जायेगी।