असीम ऊर्जा 

जब दीपक ने ठानी लड़ने की तूफ़ान बुझाने जब आए वो दीपक सूरज से बढ़कर तूफ़ानों से लड़ जो जाए अँधियारे अस्तित्व को अपने जब फैलाने लगते हैं तब दीपों से ही धू धू करके सूर्य निकलने लगते हैं जब मानव मन की कमज़ोरी होने लगती है हावी तो सहस्रार द्वार तब खुलते हैं शक्तिपूँज […]

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भारत के सभी राज्यों में भिक्षा वृत्ति पर सख्त कानून के साथ अंकुश लगाने की आवश्यकता _

[ 21वीं सदी में जा रहा हमारा देश एक तरफ कम्प्यूटर, इंटरनेट की दिशा में प्रगतिशील है व विकास के बड़े-बड़े दावे कर रहा है, वहीं देश में एक तबका भीख मांगकर पेट भरता हो तो यह हम सभी के लिये गंभीर चिंतन का विषय है। भारत में कुछ जनजातीय समुदाय भी आजीविका के लिये […]

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जीएसटी से बेहाल सरकार अब राहत की कश्मकश में

जीएसटी पर केंद्र सरकार और गैर बीजेपी शासित राज्यों के बीच मामला सुलझता नहीं दिख रहा है. पहले जीएसटी की 41वीं बैठक में उम्मीद थी की कुछ बात बनेगी लेकिन उसे 42वीं बैठक के लिए राज्यों के उपर फैसला लेने को छोड़ दिया गया. सोमवार को जीएसटी काउंसिल की 42वीं बैठक में भी कुछ खास […]

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  देश का प्रधानमंत्री अन्नदाता ही होना चाहिए

महात्मा गांधी ने हम किसानों को भारत की आत्मा कहे थे, लेकिन आज हम देख रहे हैं कि अन्नदाताओ की समस्याओं पर केवल और केवल राजनीति करने वाले अधिकतर लोग हैं ,और हमारे समस्याओं की तरफ ध्यान देने वाले बहुत ही कम लोग  है। साथियों  स्वतंत्र भारत के पूर्व और स्वतंत्र भारत के पश्चात आज […]

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भारतीय संस्कृति : आधुनिकता एवं प्राचीनता दोनों संग लेकर चलें

[ सत्य, शिव और सुंदर के विवेचन कठिन हैं तो भी इन्हीं तीनों की त्रयी विवेचन का मूल आधार बनती है। आधुनिकता का आग्रह स्वाभाविक है। लेकिन स्वाभाविक आधुनिकता भी प्राचीनता के गर्भ से ही आती है। हमें जीवन मूल्यों का आयात नहीं करना चाहिए। यों आधुनिकता कोई जीवनमूल्य नहीं है और प्राचीनता भी नहीं। […]

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अन्नदाता राजनैतिक दलों का मोहरा बना हुआ है 

कृषि बिल  को लेकर हम सभी देख रहे है कि आज  पूरे देश में माहौल गरमाया हुआ है. विपक्ष जहां एक तरफ जोरदार ढंग से प्रदर्शन कर रहा है. तो वहीं पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के किसान भी इन बिलों को  लेकर खासे आक्रामक हैं। ध्यान से देखिए आप आज कहीं ना कहीं […]

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आधुनिक समाज बनाम शार्टकट की बुनियाद 

जैसे-जैसे हम और हमारा समाज आधुनिकीकरण से रूबरू हो रहा है, वैसे-वैसे उसके जीने की कला और सोच में भी भारी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। आज के दौर का हमारा आधुनिक समाज दौड़ कर जीतने के बजाय, तोड़ कर हराने में ज्यादा विश्वास करने लगा है। आम आदमी हो या विशिष्ट, सबकी निगाहों […]

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सती अहिल्या

काम है सब अवगुणों की निशानी इंद्र की वासना की कहानी पुरानी।। देव पद को जो कर गए कलंकित। निष्पापी को भी करवा गए दंडित।। अपने ही दोषी जब जब  ठहराए। नारी तब शिला बन मौन रह जाए।। ऋषि गौतम की पारलौकिक तपोदृष्टि। भेद न जाने किस काम की योग दृष्टि। शील- अशील का जो […]

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प्रवासी गरीब मजदूर किसान रीढ है किसी भी  देश का

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने विश्व को गहरे संकट में डाल दिया हैं  दोस्तों दूसरी तरफ भारत देश में कुचला जा रहा है भारत देश कहने का मेरा मतलब प्रवासी मजदूरों के लिए जो इंडिया के बगल में ही झुग्गी -झोपड़ी में रहता है वही सबसे बड़ी संकट है यह महामारी हैं दूसरी तरफ इंडिया […]

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चुनौतियों के बीच एक और चुनौती

आज कोविड -19 अर्थात कोरोना महामारी के चंगुल में फँसी सारी दुनिया बस एक कवायद में जुटी है कि किस तरह इस महामारी से निजात पाया जाए। इसी परिपेक्ष में पूरी दुनिया की राजनैतिक पार्टियों का आंकलन जनतंत्र ने अपने-अपने स्तर से शुरू कर दिया है कि कौन सी राजनैतिक पार्टी किस स्तर पर जनहित […]

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