असीम ऊर्जा
जब दीपक ने ठानी लड़ने की तूफ़ान बुझाने जब आए वो दीपक सूरज से बढ़कर तूफ़ानों से लड़ जो जाए अँधियारे अस्तित्व को अपने जब फैलाने लगते हैं तब दीपों से ही धू धू करके सूर्य निकलने लगते हैं जब मानव मन की कमज़ोरी होने लगती है हावी तो सहस्रार द्वार तब खुलते हैं शक्तिपूँज […]