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पश्चिमी डिस्टर्बेंस ने हरियाणा‑पंजाब में 6 अक्टूबर को की भारी बारिश
6 अक्तूबर 2025 0 टिप्पणि आरव रघुवंशी

6 अक्टूबर 2025 को एक तीव्र पश्चिमी डिस्टर्बेंसउत्तरी भारत ने हरियाणा, पंजाब और दिल्ली‑एनसीआर में भारी बारिश और ओले की घटना पैदा की, जैसा कि भारत मौसम विभाग की पूर्वानुमानित चेतावनी में बताया गया था।

  • मुख्य रूप से प्रभावित राज्य: हरियाणा, पंजाब, दिल्ली‑एनसीआर, हिमाचल प्रदेश
  • बारिश की तीव्रता: 6 अक्टूबर को भारी‑से‑बहुत‑भारी, कुछ क्षेत्रों में ओले
  • प्री‑डिक्टेड अवधि: 5‑7 अक्टूबर 2025
  • स्रोत: अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उच्च नमी समावेश
  • आगे का अनुमान: 8 अक्टूबर तक हल्की‑से‑मध्यम वर्षा, उसके बाद शुष्क मौसम

पश्चिमी डिस्टर्बेंस की पृष्ठभूमि

पश्चिमी डिस्टर्बेंस को मौसमी विज्ञान में ऐसे प्रणाली माना जाता है जो मध्य‑उत्तरी भारत में शीतल वायुमंडल को दक्षिण‑पश्चिमी मानसून के बाद भी ठंडा रखती है। इस बार की विशेषता यह थी कि यह सामान्यतः उत्तर‑पश्चिम दिशा में स्थित होने के बजाय दक्षिण की ओर झुकी हुई थी, जिससे अरब सागर से भारी नमी का प्रवाह सीधे उत्तर‑पहाड़ी क्षेत्रों तक पहुँच गया।

मौसम विभाग की चेतावनी और विवरण

एक आधिकारिक प्रेस रिलीज़ में भारत मौसम विभाग ने 2 अक्टूबर 2025 को बताया कि 5‑7 अक्टूबर के बीच पश्चिमी डिस्टर्बेंस के कारण पंजाब‑हरियाणा के कई हिस्सों में भारी‑से‑बहुत‑भारी वर्षा, ओले और तेज़ हवाओं की संभावना है। विभाग ने विशेषकर मोही, अमृतसर, लुधियाना, चंडीगढ़ और दिल्ली‑एनसीआर को लक्षित किया था।

स्थानीय मौसम विभागों ने 6‑7 अक्टूबर के लिये हल्की‑से‑मध्यम बारिश का अंदाजा लगाया, लेकिन वास्तविकता में कई शहरों में 20‑30 mm/घंटा से अधिक तेज़ बवंडर देखा गया।

आश्वरी तिवारी का विश्लेषण

स्वतंत्र मौसम विश्लेषक आश्वरी तिवारी, जो IndiaMetSky पर सक्रिय हैं, ने बताया कि 5 अक्टूबर से ही पंजाब, उत्तर‑पश्चिम राजस्थान और जम्मू‑कश्मीर में तूफ़ानी गतिविधियां शुरू हो गई थीं और 6 अक्टूबर को यह व्यवस्थित रूप से पूर्व की ओर बढ़ी। उन्होंने कहा, "यह डिस्टर्बेंस असामान्य रूप से दक्षिण की ओर झुकी थी, जिससे अरब सागर की नमी सीधे हमारे मैदानों में पहुँच पाई।" उन्होंने आगे कहा कि 7 अक्टूबर तक यह प्रणाली धीरे‑धीरे कमजोर होगी और उसके बाद ठंडी धारा बरसाती हवाओं के साथ पूरे मैदान में ठंड का आगमन होगा।

प्रभावित क्षेत्रों में वास्तविक स्थिति

प्रभावित क्षेत्रों में वास्तविक स्थिति

हरियाणा में चंडीगढ़, फ्रँजाबाद, पाली और रोहतक में 25‑35 mm की बारिश दर्ज की गई। कई स्थानों पर ओले गिरे, जिससे कुछ छोटे‑मोटे नुकसान हुए। पंजाब में मोही, अमृतसर और लुधियाना में तेज़ बौछार और गड़गड़ाहट के साथ 30‑45 mm तक की वर्षा हुई। दिल्ली‑एनसीआर ने अधिकतम 38 mm की बारिश, हवा की गति 30‑40 km/h (गुस्ते 50 km/h) और तापमान में 31‑33 °C तक गिरावट देखी।

हिमाचल प्रदेश के मंडी, कूँल, कांगड़ा और चंबा जिलों में नारंगी अलर्ट जारी किया गया, जबकि शिमला, सोलन और अन्य क्षेत्रों में पीला अलर्ट जारी रहा। हिमाचल में भी तेज़ बारिश और बिजली गिरने की घटनाएं रिपोर्ट हुईं।

सरकारी व स्थानीय प्रतिक्रियाएँ

हरियाणा के कृषि विभाग ने किसानों को सूचित किया कि फसल क्षति को कम करने के लिये शीघ्र ही जल निकासी कार्य किया जाए। पंजाब में स्थानीय प्रशासन ने सड़क कार्यों को रोककर ट्रैफ़िक को डायवर्ट किया और बचाव दलों को तैयार कर रखा। दिल्ली में नगरपालिका ने जल निकासी की व्यवस्था को तेज़ किया और स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया।

हिमाचल प्रदेश ने आपदा प्रबंधन विभाग के तहत आपातकालीन शेल्टर स्थापित किए और ग्रामीण इलाकों में जल संग्रहण की व्यवस्था की।

आगे की मौसम भविष्यवाणी

आगे की मौसम भविष्यवाणी

IMD ने बताया कि 8‑9 अक्टूबर तक बारिश का शेड्यूल हल्का रहेगा, पर बाद में उत्तर‑पश्चिमी ठंडी हवाओं के कारण तापमान में 3‑5 °C की गिरावट आएगी। 10‑12 अक्टूबर तक न्यूनतम तापमान 22 °C से नीचे गिर सकता है, जिससे उत्तरी भारत में शरद ऋतु का सच़ा प्रभाव दिखेगा।

मौसम विज्ञान में इस घटना का महत्व

पश्चिमी डिस्टर्बेंस की यह तीव्रता इस बात की ओर इशारा करती है कि समुद्री नमी के स्रोत बदल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी का मिश्रण, विशेषकर अगर वह दक्षिण की ओर झुकी हुई प्रणाली के साथ मिल जाए, तो ऐसे अचानक और तीव्र मौसमी बदलाव संभव हैं। इसको आगे अध्ययन कर, भविष्य में कृषि योजना और आपदा प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कृषि इस वर्ष कैसे प्रभावित होगी?

भारी बारिश और ओले ने पंजाब‑हरियाणा के कई धान और तरकारी फ़सल में नमी का अचानक उत्थान कर दिया है। किसान अब अतिरिक्त जल निकासी और फसल रोग नियंत्रण के उपाय कर रहे हैं, ताकि क्षति को न्यूनतम रखा जा सके।

क्या अगले कुछ दिनों में फिर से भारी बारिश की संभावना है?

भविष्यवाणी के अनुसार 8‑9 अक्टूबर तक हल्की‑से‑मध्यम बारिश जारी रहेगी, लेकिन 10 अक्टूबर से ठंडी हवाएं आएंगी और बारिश कम हो जाएगी। इसलिए अगले दो दिनों में गंभीर बाढ़ की आशंका नहीं है।

डिस्टर्बेंस के कारण तापमान में कितनी गिरावट आई?

दिल्ली‑एनसीआर में अधिकतम तापमान 35.7 °C से घटकर 31‑33 °C तक आया, जबकि न्यूनतम 25.8 °C से घटकर 22 °C के निकट पहुंचा। यह लगभग 3‑5 °C का गिरावट दर्शाता है।

पश्चिमी डिस्टर्बेंस का भविष्य में क्या प्रभाव होगा?

विशेषज्ञ मानते हैं कि समुद्री नमी में बदलाव और प्रणाली की असामान्य दिशा भविष्य में अधिक तीव्र वायुमंडलीय घटनाओं को उत्पन्न कर सकती है, जिससे जल संसाधन प्रबंधन और आपदा तैयारी पर नया ध्यान आवश्यक होगा।

आश्वरी तिवारी की भविष्यवाणी कितनी सटीक रही?

आश्वरी तिवारी ने बताया था कि डिस्टर्बेंस 5‑7 अक्टूबर के बीच तीव्र रहेगा और 6‑7 अक्टूबर तक बारिश तथा ओले बढ़ेंगे। उनकी यह भविष्यवाणी सही सिद्ध हुई, जिससे उनके विश्लेषण की विश्वसनीयता बढ़ी।