कानपुर नगर, बीती फरवरी को मंगटा गांव में हुए दो समुदायों के बीच संघर्ष के बाद घटना लागातार राजनीतिक रंग लेती जा रही है। इस सघंर्ष में घायल हुए लोग उर्सला अस्पताल में भर्ती है और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता यहां लगातार आ रहे है। घायलो का हालचाल लेने के लिए रोजाना सपा, कांग्रेस और भीम आर्मी के नेता आ चुके है।
मंगटा गांव की घटना में कांग्रेस की ग्रामीण जिलाध्यक्ष ऊषारानी कोरी ने ट्वीटर पर टिप्पणी की थी और टिप्पणी में वह फंस गयी।
ऊषारानी के खिलाफ झूठी अफवाह फैलाने पर अकबरपुर कोतवाली पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं पूरे मामले पर ऊषारानी कोरी का कहना है कि वह किसी भी सूरत ने दबेंगी नही। उन्होने कहा कि वह जेल जाने को तैयार है लेकिन जमानत नही करायेगी। ऊषारानी के खिलाफ मीडिया प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार ने दी हुई तहरीर में कहा है कि बिना किसी प्रकार की जांच किये बगैर ऊषारानी ने झूठी अफवाह फोली व दो समुदायों में तनाव फैलाने की उनके द्वारा साजिश की गयी है। उनपर आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।