छोड़कर इस तरह
                चल दिए तुम मुझे
                अब मुझे तो
                किसी का सहारा नहीं..।।
                अब जिऊं किस तरह
                अब सहूं किस तरह
                अब तुम्हारे बिना
                कुछ भी भाता नहीं..।।
                चैन रूठा मेरा
                नींद आती नहीं
                अब तो चौखट पर
                दस्तक भी होती नहीं..।।
                अब हवाओं का रुख भी
                बदल सा गया
                कोई खुशबू इधर
                लेकर आती नहीं..।।
                हर उम्मीदों के तालाब
                सूखे पड़े
                अब तो आंखों से
                बारिश भी होती नहीं..।।
