मोदी जी के एक दिन के आग्रह पर ‘जनता कर्फ्यू’ के अनोखे अचूक प्रयोग से वैश्विक महामारी की होगी हार, देश को करना होगा संकल्प और रखना होगा संयम। वहीं देश में 2400 ट्रेन को बाधित किया गया।
संवाददाता:हरिओम द्विवेदी; कानपुर:-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 मार्च 2020 को घोषित जनता कर्फ्यू, कोरोना वायरस के विरुद्ध एक अत्यंत ही सूझबूझ भरा वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कदम है। आप समझने की अगर कोशिश करें, तो आप इस कदम में 100% प्रतिशत न केवल साथ देंगे बल्कि जब पूरे मन से और पूरे उत्साह से साथ देंगे तो अविश्वसनीय परिणाम सामने आएंगे। आइए इसको समझने की कोशिश करते हैं।
क्या आप जानते है कि कोरोना वायरस की उम्र अलग अलग परिस्थितियों में कितनी होती है। कोरोना वायरस आम लेकिन अलग अलग परिस्थितियों में 3 से 72 घण्टे तक सक्रिय रह सकता है यानि कि उसकी उम्र इतनी ही है, वो भी अधिकतम 72 घण्टे तक, लेकिन ज़्यादातर 36 घण्टे में ये समाप्त हो जाता है। अब अगर सरकार पूरे देश को क्वारंटाइन और सनेट्राईज करना चाहे या आइसोलेशन वार्ड में एडमिट करना चाहे तो क्या ये मुमकिन है, बिल्कुल नही। इसलिए बहुत समझदारी से मोदीजी और उनके सलाहकारों ने रविवार का दिन चुना, जिस दिन सभी देशवासियों को घर पर रोकना आसान हो जाएगा। अब इसे दूसरी तरह समझाते हैं।
जब हमें 22 तारीख को सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक जनता कर्फ्यू के रूप में घर पर रहने के लिए कहा गया है वो भी रविवार को छुट्टी वाले दिन तो इसका साफ मतलब है कि पूरे देशवासियों को 36 घंटे तक क्वारंटाइन में रहने के लिए एक समझदारी भरे निवेदन से मनाया जा सकता है। क्योंकि हम सब 21 मार्च की शाम या रात से अपने घर आ जाएंगे और पूरी रात घर पर ही रहते हैं जो की जाहिर सी बात ही तो है, फिर अगले दिन सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की वजह से घर पर रहेंगे और फिर उसके बाद फिर घर पर ही सो जाएंगे तो 23 मार्च सुबह जाग कर उठेंगे। इसका मतलब की 21 मार्च की रात से 23 मार्च की सुबह तक जब हम घर पर ही रहेंगे तो 36 घण्टे का हम अपने आप को घर में क्वारंटाइन निवास ही करेंगे। यानी कि कोरोना वायरस अगर कही है तो उसे, 36 घँटे के इस क्वारंटाइन वास या आइसोलेशन वार्ड जैसी स्थिति के चलते पनपने का माध्यम नही मिलेगा और वो लगभग समाप्त होने की स्थिति में पहुंच जायेगा। इस प्रकार से पूरा भारत एक वैज्ञानिक प्रयोग के माध्यम से कोरोना को हराया जा सकता है।
दूसरी तरफ जब शाम को 5 बजे, जब लोग अपनी खिड़की या दरवाजे पर खड़े होकर 5 मिनट तक थाली या ताली बजाकर उन लोगो को धन्यवाद देंगे तो ये भी एक आध्यात्मिक प्रयोग ही तो है जिसके माध्यम से प्राणाकर्षण करके कोरोना से लड़ने वालो को उत्साहवर्धन किया जाएगा। अंग्रेजी में इसे (लॉ ऑफ अट्रैक्शन) कहते हैं। वहीं तेज ध्वनि से भी इस रोग को मिटाने का सार्थक कार्य होगा।
तो इस प्रकार श्री नरेंद्र मोदीजी की सरकार अभूतपूर्व सूझबूझ से कोरोना वायरस का जड़मूल से नाश करने का आग्रह कर रही है। इस योजना को समझने और क्रियान्वयन करने की महती आवश्यकता है। वही 21 मार्च की शाम से भारतीय रेल अथॉरिटी द्वारा 2400 ट्रेनों का आवागमन रोका गया है । जिससे कि ज्यादा से ज्यादा संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
देशवासियों को किसी भी प्रकार से घबराने और अफवाहों में नहीं आना है केवल मात्र सावधान, होकर संकल्प और संयम बरतें। और जागरूकता के साथ कदम बढ़ाते हुए इस वैज्ञानिक और आध्यात्मिक योजना को समर्थन देते हुए इसका क्रियान्वयन में दिल से सहयोग दें।
अपनी सोच को बढ़ाकर समझदारी का परिचय दें और ज्यादा से ज्यादा जनता कर्फ्यू में अपनी सहभागिता दे। दैनिक अयोध्या टाइम्स परिवार की ओर से देशवासियों से एक छोटी सी महत्वपूर्ण गुजारिश प्रत्येक दिन अपने घर में देवी जी का दीप प्रज्वलित करें कम से कम दिन भर में एक से दो बार ही में एक ज्वलनशील तत्व होने के कारण वातावरण में ऑक्सीजन प्रचुर मात्रा में फैलाता है।और जनता कर्फ्यू के समय गया के गोबर द्वारा आम की लकड़ियों कपूर जावित्री गूगर चावल जो शक्कर गुण मिलाकर हवन में आहुति देने से भी हवन के द्वारा उत्पन्न अग्नि में जो दुआ, उत्पन्न होगा उससे वातावरण की शुद्धता के साथ साथ इस प्रकार के वैश्विक संक्रमण महामारी जैसी बीमारियां स्वत: नष्ट हो जाएंगी