देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण से बचाओ पर प्रधानमंत्री में देश दिलीप जनमानस को एक साथ आने और संकल्प संयम का अपने संबोधन के द्वारा आग्रह किया और वही वैश्विक महामारी से संक्रमित लोगों की सहायता करने वाले सही योगियों के लिए आम जनमानस से उत्साहवर्धन के लिए भी एक साथ एक समय सम्मान में आभार व्यक्त करने का अनोखा अनूठा आभार व्यक्त करने का तरीका बताया।
संवाददाता हरिओम द्विवेदी:- केंद्र सरकार, राज्य सरकारें अपने-अपने तरीके से इस वैश्विक महामारी से बचने का उपाय निरंतर कर रहे हैं। इस महामारी, संक्रमण में भारत की विजय हो। हम भी बचें, देश को भी बचाएं और दुनिया को भी बचाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को धन्यवाद देते हुए देशवासियों को इस बात के लिए भी आस्वस्थता जताई कि दूध, दवा जैसी आवश्यक वस्तुओं से कभी आपको दिक्कत नहीं होने देंगे।आप पहले से संग्रह करने की होड़ न पालें. देशवासियों के सामने खाद्यान की कोई कमी नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बारे कम से कम 10 लोगों के बारे में बतायें। पीएम मोदी ने कहा,सायरन बजाकर ऐसे लोगों के प्रति आभार व्यक्त करना है। लेकिन ऐहतियात बरतना है कि ऐसे में कोई भी अस्पताल जैसे आवश्यक कार्य प्रभावित न हों। पीएम मोदी ने कहा,अगर आपने अस्पताल में पहले से कोई रुटीन जांच के लिए समय ले रखा है तो उसे कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 22 मार्च को रविवार को एक और सहयोग चाहता हूं।पिछले कुछ दिनों से अस्पतालों में, दफ्तरों में, सड़कों में, डॉक्टरें, सफाई कर्मी, सरकारी कर्मचारी, मीडिया कर्मी हों। ये लोग अपनी परवाह न कर दूसरों की सुरक्षा और मदद के लिए लगे हुए हैं. संक्रमित होने का खतरा होने के बाद भी ये लोग दूसरी की मदद के लिए लगे हुए है।राष्ट्र ऐसे सभी लोगों, संगठनों के प्रति आभार व्यक्त करता है। इस सभी लोगों के प्रति 22 मार्च को शाम 5 बजे अपने घर पर खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों को आभार व्यक्त करें। ताली बजाकर, थाली बजाकर। प्रत्येक देशवासियों से आग्रह है कि जनता कफ्यू जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा खुद के लिए लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार 22 मार्च को सभी लोगों को जनता कर्फ्यू का पालन करें. इस दिन सभी लोग अपने घरों में रहें। सरकारी कर्मचारी, मीडियाकर्मियों की सक्रियता को आवश्यक है, लेकिन सामान्य लोगों से आग्रह कि लोग घर से बाहर न निकलें. खास कर 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग एकदम से घर से बाहर न निकलें। पीएम मोदी ने कहा, घर से बाहर निकलने से बचें।हमारा संकल्प और संयम इस वैश्विक महामारी से बचने में कारगर हो सकता है।आप ऐसे ही सड़कों पर घुमते रहें और सोचेंगे कि हम इससे बचे रहेंगे, तो यह गलत है। मेरा देशवासियों से आग्रह है, जरूरी हो तभी बाहर निकलें पीएम मोदी ने कहा, नागरिकों की भूमिका काफी अहम रही है. हम ऐसे देश हैं, जहां कोरोना से काफी संकट है।भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा यह मानना बहुत गलत,दो बातें अहम है। पहला संकल्प और दूसरा संयम देशवासियों को संकल्प करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए हर संभव कोशिश करें। सरकारी आदेशों का पूरा पालन करें हम अपने को संक्रमित होने से बचे और दूसरे को भी बचाएं।हम स्वस्थ्य, तो जब स्वस्थ्य बिते कुछ दिनों में ऐसा माहौल बन रहा है कि हम संकट से बचे हुए हैं। महामारी बहुत बड़ी खतरा है। कोरोना को लेकर हमें सतर्क होनो जरूरी है हम सब मिलकर अपने निर्धारित लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं। 130 करोड़ देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं। आपके आने वाला कुछ सप्ताह, कुछ समय चाहता हूं। अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई उपाय सुझा पाया है,न तो कोई दवा बनी है,ऐसी स्थिति में काफी चिंता की स्थिति बनी है। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा, पूरा विश्व संकट के इस दौर से गुजर रहा है. प्राकृति आपउदा आती है तो कुछ राज्यों और देश तक ही सिमित रहता है। लेकिन कोरोना ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है। विश्व युद्ध में भी इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे, जितना की कोरोना के कारण दुनिया प्रभावित हुआ है।
प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर ने भी इस मामले पर ट्वीट किया है. उन्होंने साफ तौर पर लिखा है, ‘कुछ मीडिया इस तरह की खबरें चला रहा है कि पीएम मोदी देश में लॉकडाउन की घोषणा कर सकते हैं. लेकिन यह सूचना गलत है। इसके जरिये लोगों के मन में भी आशंकाएं उत्पन्न हो रही हैं। .’देश के नाम संबोधन से पहले तमाम सोशल मीडिया में रात 8:00 बजे का जिक्र प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन पर चर्चा परचर्चा चलती दिखाई दे रही थी। प्रधानमंत्री के संबोधन के तुरंत बाद सोशल मीडिया फेसबुक टि्वटर व्हाट्सएप के जरिए देशवासियों ने प्रधानमंत्री के संबोधन पर सहमति जताते हुए अपने जन संदेश को अपने तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया की सहायता ली सभी ने एक दूसरे को मैसेज भेजना प्रारंभ कर दिया और कोरोना संक्रमित लोगों की सहायता करने वाले सैनिकों की उत्साहवर्धन के लिए अपने घर की बालकनी और मुख्य द्वार पर खड़े होकर उनका उत्साहवर्धन करने की बात स्वीकार की और अपने सगे संबंधियों रिश्ते नाते मित्रों से अनुरोध करना चालू कर दिया जिसका सीधा असर प्रधानमंत्री के संबोधन को जाता। दैनिक अयोध्या टाइम के परिवार ने भी जनता कर्फ्यू में और वैश्विक महामारी से लड़ने वाले सैनिकों की उत्साहवर्धन के लिए आम जनमानस से सम्मिलित होने का आग्रह किया।