तेल अवीव। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोशे होल्ट्जबर्ग से मुलाकात की जिसने साल 2008 के मुंबई हमले में अपने माता-पिता को खो दिया था और उस वक्त वह महज दो साल का था। मोशे अब 11 साल का है। मोशे से मुलाकात का प्रधानमंत्री मोदी का फैसला उनके परिवार के लिए भावुक क्षण रहा। मोशे के माता-पिता जब मुंबई हमले में मारे गए तो वह महज दो साल का था। मोशे के दूसरे जन्मदिन से थोड़ा पहले पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में कई जगह हमले किए थे। उन्होंने चाबड हाउस को भी अपना निशाना बनाया था। इस हमले में मोशे के पिता-माता- रब्बी गेवरियल तथा रिवका होल्ट्जबर्ग मारे गए थे। वे चाबड हाउस के निदेशक थे।
मोशे की देखभाल करने वाली सहायिका सांद्रा सैम्यूल्स भी इमारत में मौजूद थी, लेकिन वह एक कमरे में सीढ़ियों के नीचे छिपकर जान बचाने में सफल रही थी। वह तब बाहर आई जब उसने मोशे के रोने की आवाज सुनी और उसे उसके माता-पिता के शवों के बीच खड़े पाया। उसने उसे गोद में उठाया और इमारत से बाहर निकल गई। इस इमारत को नरीमन हाउस नाम से भी जाना जाता है जो व्यापक नवीनीकरण के बाद 2014 में फिर से खुला। मोशे अब अपने दादा-दादी- रब्बी शिमोन रोसेनबर्ग और येहुदित रोसेनबर्ग के साथ आफुला में रहता है। सांद्रा सैम्यूल्स को सितंबर, 2010 में इजराइल की मानद नागरिकता दी गई थी। वह अक्सर यरूशलम स्थित अपने घर से मोशे और उसके दादा-दादी से मिलने जाती रहती हैं। सैम्यूल्स को भी प्रधानमंत्री से मिलने के लिए आमंत्रित किया गया।
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