नयी दिल्ली। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि भारत ने कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। आजादी के समय जहां देश की जनता के लिये खाद्यान्न की पूरी आपूर्ति नहीं हो पाती थी वहीं आज न केवल देश की 134 करोड़ जनता को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है बल्कि भारत खाद्यान्न का निर्यात करने वाला देश भी बन गया है। राधामोहन सिंह यहां ‘विश्व खाद्य भारत-2017’ सम्मेलन एवं प्रदर्शनी के दूसरे दिन ‘फल, सब्जियां, डेयरी, पॉल्ट्री एवं मत्स्य पालन- भारत की विविधतापूर्ण संभावनाओं का सदुपयोग’ नामक विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कृषि में ऐसी अभूतपूर्व प्रगति व बहुमुखी विकास विश्व के शायद ही किसी देश ने किया होगा। ‘‘पूरा विश्व हमारी इस प्रगति का अध्ययन करने और उसे अपनाने के लिए लालायित है। ’उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के समय हम जहां 34 करोड़ जनता को खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं करा पा रहे थे, आज वही हमारे नीति निर्धारकों, किसानों, वैज्ञानिकों, खाद्य उत्पादन अधिकारियों की सूझबूझ, कड़ी मेहनत से हम एक खाद्य की कमी से जुझने वाले देश की श्रेणी से आगे बढ़ते हुए 134 करोड़ जनता को भोजन उपलब्ध कराने के साथ खाद्यान्न का निर्यात करने वाले देश बन गये हैं।’’
सिंह ने कहा कि हम विश्व के केवल दो प्रतिशत जमीन के भू-भाग से विश्व की लगभग 17 प्रतिशत मानव आबादी, 11.3 प्रतिशत पशुधन तथा व्यापक अनुवांशिकी धरोहर का ना केवल भरण-पोषण कर पा रहे है, बल्कि खाद्यान्न का निर्यात भी कर रहे है। उन्होंने बताया कि आज हम विश्व के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश है, फल और सब्जी उत्पादन में दूसरे स्थान पर है, मछली उत्पादन में तीसरे स्थान तथा अंडा उत्पादन में पांचवे स्थान पर हैं।उन्होंने कहा कि आजादी के समय जहां 34 करोड़ जनता में प्रत्येक को 130 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से दूध की आपूर्ति कर पाते थे वहीं आज 134 करोड़ जनता को 337 प्रतिग्राम प्रतिदिन के हिसाब से दूध की आपूर्ति कर पा रहे है। दूध उत्पादन में यह एक अतुलनीय उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हम बड़ी मात्रा में कृषि जिंसों का निर्यात करते है जो कि देश के कुल निर्यात का लगभग 10 प्रतिशत है।
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