लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने छोटे भाई आनंद कुमार को पार्टी उपाध्यक्ष बनाने का आज ऐलान किया और भाजपा के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाते हुए भाजपा विरोधी दलों से हाथ मिलाने के संकेत दिये। मायावती ने यहां अंबेडकर जयंती पर आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैंने इस शर्त के साथ आनंद कुमार को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का फैसला ले लिया है कि वह पार्टी में हमेशा नि:स्वार्थ भावना से कार्य करता रहेगा और कभी भी सांसद, विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री आदि नहीं बनेगा। इसी शर्त के आधार पर आज मैं उसे पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोषित कर रही हूं।’’
विश्व रत्न भी हैं बाबा साहेब भारत रत्न ही नहीं
पूरी दुनिया में बाबासाहेब के नाम से लोकप्रिय डॉ. भीमराव अम्बेडकर एक दलित राजनेता, एक समाज पुनरुत्थानवादी होने के साथ साथ एक विश्व स्तर के विधिवेत्ता व भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार थे। भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के मऊ में एक गरीब अस्पृश्य परिवार मे हुआ था। भीमराव अम्बेडकर रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14वीं सन्तान थे। उनका परिवार मराठी था जो महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले मे स्थित अम्बावडे नगर से सम्बंधित था। उनके बचपन का नाम रामजी सकपाल था। वे हिंदू महार जाति के थे, जो अछूत कहे जाते थे और उनके साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव किया जाता था। एक अस्पृश्य परिवार में जन्म लेने के कारण उन्हें सारा जीवन नारकीय कष्टों में बिताना पड़ा। अम्बेडकर के पूर्वज लंबे समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी की सेना में कार्यरत थे और उनके पिता, भारतीय सेना की मऊ छावनी में सेवा में थे और यहां काम करते हुये वो सूबेदार के पद तक पहुंचे थे। उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ने और कड़ी मेहनत करने के लिये हमेशा प्रोत्साहित किया। अपने भाइयों और बहनों मे केवल अम्बेडकर ही स्कूल की परीक्षा में सफल हुए और इसके बाद बड़े स्कूल मे जाने में सफल हुये। अपने एक ब्राह्मण शिक्षक महादेव अम्बेडकर जो उनसे विशेष स्नेह रखते थे, के कहने पर अम्बेडकर ने अपने नाम से सकपाल हटाकर अम्बेडकर जोड़ लिया जो उनके गांव के नाम अंबावडे पर आधारित था।
दीक्षाभूमि में मोदी ने अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि
नागपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर की दीक्षाभूमि में आज डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी 126वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। पवित्र परिसर में अंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद मोदी ने कुछ मिनट तक हाथ जोड़कर प्रार्थना भी की। दलितों के मसीहा और संविधान निर्माता ने वर्ष 1956 में इसी जगह पर अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकारा था। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति ने जीएसटी से जुड़े विधेयकों को मंजूरी प्रदान की
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था लागू करने से संबंधित चार विधेयकों को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही देश में एक जुलाई से एक-देश-एक कर-व्यवस्था लागू करने का लक्ष्य और करीब आ गया है। राष्ट्रपति ने जिन विधेयकों पर अपनी सहमति की मुहर लगाई है उनमें केन्द्रीय जीएसटी कानून 2017, एकीकृत जीएसटी कानून 2017, जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) विधेयक, 2017, संघ शासित प्रदेश जीएसटी कानून 2017 शामिल हैं। अब राज्य विधानसभाओं में राज्य-जीएसटी विधेयक को पारित किया जाना शेष है।
ईडी ने दिल्ली में सीए और कर पेशेवरों के यहां छापे मारे
प्रवर्तन निदेशालय ने मुखौटा कंपनियों के जरिये कालाधन जुटाने का खुलासा करने के लिये शुरू किये गये अभियान के तहत आज दिल्ली में विभिन्न कर पेशेवरों और चार्टर्ड अकाउंटेंटों के ठिकानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने कथित तौर पर हजारों करोड़ रूपये की रकम बनाये जाने की जांच के तहत करोल बाग, लक्ष्मी नगर, मॉडल टाउन, आजादपुर, दिलशाद गार्डन और कुछ अन्य ठिकानों में छापेमारी की।
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने यह छापे मुखौटा कंपनियों द्वारा बैंकिंग माध्यमों का गलत इस्तेमाल कर धन शोधन और हवाला जैसे लेनदेन पर नजर रखने के लिये प्रदत्त अधिकार के तहत मारे। उन्होंने कहा कि इस दौरान करीब दो दर्जन सीए, कंपनी सचिवों और दूसरे कर विशेषज्ञों के ठिकानों पर तलाशी ली गयी। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई एजेंसी द्वारा इस महीने के शुरू में 500 मुखौटा कंपनियों के खिलाफ मारे गये देशव्यापी छापे का हिस्सा है जिन पर बड़े पैमाने पर कालाधन बनाने का आरोप था।
भाजपा का शानदार प्रदर्शन- मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के विभिन्न भागों में हुए विधानसभा उपचुनावों में भाजपा के ‘‘शानदार प्रदर्शन’’ की प्रशंसा की। उन्होंने ‘‘विकास एवं सुशासन की राजनीति में अटूट भरोसा’’ जताने के लिए जनता का धन्यवाद दिया। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘देश के विभिन्न भागों में उपचुनावों में भाजपा और राजग द्वारा शानदार प्रदर्शन। कार्यकर्ताओं को बधाई।’’
गंगा अधिनियम के प्रारूप पर मालवीय समिति ने प्रस्तुत की रिपोर्ट
गंगा अधिनियम का प्रारूप तैयार करने के लिए गठित मालवीय समिति ने आज नई दिल्ली में अपनी रिपोर्ट केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती को सौंपी। रिपोर्ट स्वीकार करते हुए सुश्री भारती ने इसे एक ‘ऐतिहासिक क्षण’ करार दिया और कहा कि ‘मैं इसे स्वीकार करते हुए बहुत रोमांचित हूं।’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सभी संबंधित पक्षों से इस पर व्यापक विचार विमर्श के बाद इसे शीघ्र ही कानून का रूप देगी। सुश्री भारती ने अपने मंत्रालय के सचिव को निर्देश दिया कि वे इस रिपोर्ट का बारीकी से अध्ययन करने के लिए तत्काल एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करें और यह समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट दे। मंत्री महोदया ने उम्मीद जताई कि इस रिपोर्ट में गंगा की अविरलता एवं निर्मलता का ध्यान रखते हुए पर्याप्त प्रावधान किये गए हैं।
समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री गिरिधर मालवीय (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यह एक बड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी जिसे समिति के सदस्यों ने बखूबी निभाया। उन्होंने कहा कि इस कार्य में उन्हें केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन का भरपूर सहयोग मिला।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में गंगा की निर्मलता एवं अविरलता को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रावधान किए हैं। रिपोर्ट में गंगा के संसाधनों का उपयोग करने के बारे में जिम्मेदारी एवं जवाबदेही तय करने के बारे में कई कड़े प्रावधानों का उल्लेख है। समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के पास पूर्व में उपलब्ध कानूनी प्रारूपों का भी अध्ययन किया।
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने प्रस्तावित गंगा अधिनियम का प्रारूप तैयार करने के लिए न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गत वर्ष जुलाई में इस समिति का गठन किया था। समिति के अन्य सदस्य थे– श्री वी के भसीन, पूर्व सचिव विधायी विभाग भारत सरकार, प्रोफेसर ए के गोसाई, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली और प्रोफेसर नयन शर्मा, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के निदेशक श्री संदीप समिति के सदस्य सचिव थे।
79 वर्षीय श्री गिरिधर मालवीय लंबे समय से गंगा संरक्षण अभियान से जुड़े रहे हैं और गंगा से उनका भावनात्मक लगाव है। वे गंगा महासभा के अध्यक्ष भी हैं। महासभा की स्थापना उनके पितामह और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक और जाने माने स्वतत्रंता सेनानी महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने ही की थी।
राष्ट्रापति श्री प्रणब मुखर्जी ने 26 भू वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2016 प्रदान किया
भूवैज्ञानिक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि मानवता का भविष्य भूविज्ञान से प्राप्त निष्कर्षों पर ही निर्भर करता है : श्री पीयूष गोयल
युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्राप्त करने वाले डॉ. अभिषेक साहा की भूरि-भूरि प्रशंसा
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (12 अप्रैल, 2017) राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय बिजली, कोयला, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा एवं खनन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में 26 वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2016 प्रदान किए।
26 भूवैज्ञानिकों को वर्ष 2016 के लिए भूविज्ञान के 11 क्षेत्रों में उनके प्रतिभाशाली योगदानों के लिए राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किए गए। राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, गोवा के डॉ. अभिषेक साहा को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार मिला जिनकी विशेष रूप से राष्ट्रपति एवं खनन मंत्री ने सराहना की।
खनन मंत्रालय में सचिव श्री अरूण कुमार ने पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिकों एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक पुरस्कार जिसे पूर्व में राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार के नाम से जाना जाता था, का गठन 1966 में खनन मंत्रालय द्वारा किया गया था और 2009 से भूविज्ञानों के समस्त क्षेत्रों को पुरस्कार के दायरे में लाने के लिए इसे राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार का नाम दे दिया गया। खनन मंत्रालय ने इन पुरस्कारों का गठन वैज्ञानिकों एवं वैज्ञानिकों की टीमों को मूलभूत तथा अनुप्रयुक्त भूविज्ञानों तथा खनन एवं संबंधित क्षेत्रों में उनकी असाधारण उपलब्धियों एवं बेशुमार योगदानों को सम्मानित करने के लिए किया। इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक जीएसआई, सीएसआईआर, आईआईटी एवं विभिन्न निजी क्षेत्र तथा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के भूवैज्ञानिकों के एक ग्रहणशील समूह से संबंधित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि ‘सदियों से उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के दोहन ने हमारे वातावरण पर एक अपरिवर्तनीय छाप छोड़ी है। महात्मा गांधी ने एक बार टिप्पणी की थी और मैं उनको उद्धृत करता हूं ‘इस दुनिया में मनुष्यों की आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त वस्तुएं हैं लेकिन मनुष्यों की लालच के लिए नहीं।’ हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारे दृष्टिकोण निर्वहनीय हों। ’
राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि दुनिया भर में राष्ट्रों के लिए यह आवश्यक है कि वे सतत विकास के रास्ते पर आगे बढ़ें। इस मॉडल में, प्रगति एवं विकास न केवल खनिज अवयवों की उपलब्धता पर निर्भर करता है बल्कि उनके न्यायोचित दोहन पर भी निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि सतह के निकट के खनिज भंडार में बहुत तेजी से गिरावट आ रही है, इसलिए भूवैज्ञानिक समुदाय को हमारे लिए आवश्यक खनिजों के लिए गहरे स्रोतों को पाने के जरिये भविष्य के संसाधनों की मांग की पूर्ति के लिए अपने कदमों में तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश को आत्म निर्भर बनाने तथा अपनी कार्यनीतिक आवश्यकताओं के लिए बाहरी स्रोतों से आयातों पर निर्भरता घटाने के लिए रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिज अवयवों की खोज पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए। राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि देश की संसाधन आवश्यकताओं पर ध्यान देने के साथ-साथ हमें सामुद्रिक क्षेत्रों पर भी विचार करना चाहिए, जिनमें फॉसफोराइट, गैस हाईड्रेट एवं समुद्री सतहों पर भारी मात्रा में सल्फाइड की प्रचुर संभावना मौजूद है।
केन्द्रीय बिजली, कोयला, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा तथा खनन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर कहा कि भूवैज्ञानिक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि मानवता का भविष्य भूविज्ञान से प्राप्त निष्कर्षों पर ही निर्भर करता है।
इस अवसर पर जो गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, उनमें खनन मंत्रालय में सचिव श्री अरूण कुमार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव श्री आशुतोष शर्मा और भारतीय भूगर्भीय सर्वे के महानिदेशक श्री एम.राजू भी शामिल थे।
जे पी नड्डा ने डेंगू और चिकनगुनिया के बारे में तैयारियों की समीक्षा की
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे. पी. नड्डा ने आज यहां देश में डेंगू और चिकनगुनिया की रोक के लिए मंत्रालय और केंद्र सरकार के अस्पतालों की तैयारियों की उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा की। बैठक में श्री नड्डा ने राज्यों से मच्छरों की रोक और नियंत्रण पर जागरूकता फैलाने के लिए तेजी से आईईसी अभियान चलाने का आग्रह किया।
बैठक में केंद्र सरकार के अस्पतालों के निदेशकों/ चिकित्सा अधीक्षकों के साथ स्वास्थ्य सचिव श्री सी के मिश्रा और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
स्थिति का जायजा लेते हुए श्री नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय की तैयारियों के बारे में जाना। उन्हें बताया गया कि डेंगू बिमारी के फैलने से पहले तैयारियों को मजबूत बनाने के लिए जनवरी के प्रारंभ में ही सभी राज्यों में परामर्शदाता भेजे गए हैं। अधिकारियों ने श्री नड्डा को बताया कि मंत्रालय के विशेषज्ञों की टीम विभिन्न राज्यों में तैयारियों का जायजा लेने और उच्च सलाह देने के लिए गई है। केंद्र सरकार के अस्पतालों की ओर से बताया गया कि बीमारी के समय डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के लिए पूरी तरह से लैस हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली के अस्पतालों का नियमित रूप से निरीक्षण करें और स्थिति, तैयारियों की समीक्षा करें ताकि स्वास्थ्य अधिकारोयं को मौके पर ही तकनीकी निर्देश दिए जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सचिव से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये राज्यों की तैयारियों की समीक्षा करने को कहा।
नई टैक्सी नीति के दिशा-निर्देशों में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिलाओं के लिए सिफारिश किये गये टैक्सी सुरक्षा उपाय भी शामिल
सोशल मीडिया पर श्रीमती मेनका गांधी को टैक्सियों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के कई मामलों के बारे में सूचित किये जाने को देखते हुये ये सिफारिशें की गयी थीं। महिलाओं ने ट्विटर और फेसबुक पर अपनी मुश्किलेंसाझा की थीं। इसके बाद महिला और बाल विकास मंत्री ने इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए रेडियो टैक्सी सेवा प्रदाताओं के साथ बैठक की। उस बैठक के आधार पर मंत्री महोदया ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्रीनितिन गडकरी को उनके मंत्रालय द्वारा तैयार किये जा रहे नियामक दिशा-निर्देशों में आवश्यक सुरक्षा उपायों को शामिल करने के लिए पत्र लिखा था।
नई टैक्सी नीति के दिशा-निर्देशों में शामिल महिला और बाल विकास मंत्रालय की सिफारिशें निम्नलिखित हैं:
- टैक्सियों में अनिवार्य रूप से जीपीएस पैनिक उपकरण लगे होने चाहिए।
- महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए टैक्सी में सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
- वाहन के फोटो और पंजीकरण संख्या के साथ चालक का पहचान पत्र भी टैक्सी में प्रमुखता से लगाया जाना चाहिए।
- टैक्सी ऑपरेटरों/ड्राइवरों द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन करने पर उनसे कानून के अनुसार कड़ाई से निपटा जाना चाहिए।
- यात्रियों की इच्छा पर ही सीट साझा की जानी चाहिए।
महिला और बाल विकास मंत्री की सिफारिशों को नियामक दिशानिर्देशों में शामिल करने की मंजूरी दे दी गई है। श्रीमती मेनका गांधी ने टैक्सियों में महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षा उपाय करने संबंधी सिफारिशों कोस्वीकार करने के लिए श्री नितिन गडकरी का धन्यवाद किया है।
महिला यात्री टैक्सियों में सुरक्षा के संबंध में श्रीमती मेनका गांधी को सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी परेशानियां बताती हैं। महिला और बाल विकास मंत्री ने #HelpMeWCD नाम से हैशटैग शुरू किया है। इस परउत्पीड़न/ हिंसा झेल रही कोई भी महिला या बच्चा ट्वीट कर सीधे अपनी समस्या बता सकता है।
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