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अपने भाई आनंद को बनाया मायावती ने बसपा उपाध्यक्ष

April 14, 2017 by harshtandon Leave a Comment

मायावती ने अपने भाई आनंद को बनाया बसपा उपाध्यक्ष

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने छोटे भाई आनंद कुमार को पार्टी उपाध्यक्ष बनाने का आज ऐलान किया और भाजपा के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाते हुए भाजपा विरोधी दलों से हाथ मिलाने के संकेत दिये। मायावती ने यहां अंबेडकर जयंती पर आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैंने इस शर्त के साथ आनंद कुमार को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का फैसला ले लिया है कि वह पार्टी में हमेशा नि:स्वार्थ भावना से कार्य करता रहेगा और कभी भी सांसद, विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री आदि नहीं बनेगा। इसी शर्त के आधार पर आज मैं उसे पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोषित कर रही हूं।’’

भाजपा पर वर्ष 2014 के लोकसभा और वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की गड़बड़ी करने का आरोप मढ़ते हुए उन्होंने कहा, ‘‘देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए मैं कदम पीछे खींचने वाली नहीं हूं। हमारी पार्टी भाजपा द्वारा ईवीएम की गड़बड़ी के खिलाफ बराबर संघर्ष करेगी और इसके लिए भाजपा विरोधी दलों से भी हाथ मिलाना पड़ा तो अब उनके साथ भी हाथ मिलाने में परहेज नहीं है।’’
 उन्होंने कहा कि पार्टी आंदोलन के हित में ‘जहर को जहर से मारने’ के आधार पर चलकर ईवीएम की गड़बड़ी को रोकना बहुत जरूरी है। मायावती ने लिखे हुए भाषण पढ़ने के आरोपों का जवाब देते हुए खुलासा किया कि वर्ष 1996 में उनके गले का बड़ा आपरेशन हुआ था और पूरी तरह खराब हो चुका एक ‘ग्लैण्ड’ डॉक्टरों ने निकाल दिया था। उन्होंने कहा कि बिना लिखा भाषण देने में ऊंचा बोलना पड़ता है लेकिन डॉक्टरों ने ऐसा नहीं करने की सलाह दी है।

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विश्व रत्न भी हैं बाबा साहेब भारत रत्न ही नहीं

April 14, 2017 by harshtandon Leave a Comment

भारत रत्न ही नहीं विश्व रत्न भी हैं बाबा साहेब

पूरी दुनिया में बाबासाहेब के नाम से लोकप्रिय डॉ. भीमराव अम्बेडकर एक दलित राजनेता, एक समाज पुनरुत्थानवादी होने के साथ साथ एक विश्व स्तर के विधिवेत्ता व भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार थे। भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के मऊ में एक गरीब अस्पृश्य परिवार मे हुआ था। भीमराव अम्बेडकर रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14वीं सन्तान थे। उनका परिवार मराठी था जो महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले मे स्थित अम्बावडे नगर से सम्बंधित था। उनके बचपन का नाम रामजी सकपाल था। वे हिंदू महार जाति के थे, जो अछूत कहे जाते थे और उनके साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव किया जाता था। एक अस्पृश्य परिवार में जन्म लेने के कारण उन्हें सारा जीवन नारकीय कष्टों में बिताना पड़ा। अम्बेडकर के पूर्वज लंबे समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी की सेना में कार्यरत थे और उनके पिता, भारतीय सेना की मऊ छावनी में सेवा में थे और यहां काम करते हुये वो सूबेदार के पद तक पहुंचे थे। उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ने और कड़ी मेहनत करने के लिये हमेशा प्रोत्साहित किया। अपने भाइयों और बहनों मे केवल अम्बेडकर ही स्कूल की परीक्षा में सफल हुए और इसके बाद बड़े स्कूल मे जाने में सफल हुये। अपने एक ब्राह्मण शिक्षक महादेव अम्बेडकर जो उनसे विशेष स्नेह रखते थे, के कहने पर अम्बेडकर ने अपने नाम से सकपाल हटाकर अम्बेडकर जोड़ लिया जो उनके गांव के नाम अंबावडे पर आधारित था।

बाबा साहेब अम्बेडकर 1926 में बम्बई विधान परिषद के मनोनीत सदस्य बन गये। सन 1927 में डॉ. अम्बेडकर ने छुआछूत के खिलाफ एक व्यापक आंदोलन शुरू करने का फैसला किया। उन्होंने सार्वजनिक आन्दोलनों और जुलूसों के द्वारा, पेयजल के सार्वजनिक संसाधन समाज के सभी लोगों के लिये खुलवाने के साथ ही अछूतों को भी हिंदू मंदिरों में प्रवेश करने का अधिकार दिलाने के लिये भी संघर्ष किया। 1 जनवरी 1927 को डॉ. अम्बेडकर ने कोरेगांव की द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध की लड़ाई के दौरान मारे गये भारतीय सैनिकों के सम्मान में कोरेगांव विजय स्मारक में एक समारोह आयोजित किया। यहां महार समुदाय से सम्बंधित सैनिकों के नाम संगमरमर के एक शिलालेख पर खुदवाये गये थे।
 अस्पृश्य समुदाय में डॉ. अम्बेडकर की बढ़ती लोकप्रियता और जन समर्थन के चलते उनको 1931 में लंदन में आयोजित दूसरे गोलमेज सम्मेलन में, भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया। 1936 में उन्होंने स्वतंत्र लेबर पार्टी की स्थापना की जिसने 1937 में केन्द्रीय विधान सभा चुनावों में 15 सीटें जीतीं। उन्होंने अपनी पुस्तक जाति के विनाश भी 1937 में प्रकाशित की जो उनके न्यूयॉर्क में लिखे एक शोधपत्र पर आधारित थी। इस सफल और लोकप्रिय पुस्तक में अम्बेडकर ने हिंदू धार्मिक नेताओं और जाति व्यवस्था की जोरदार आलोचना की। उन्होंने अस्पृश्य समुदाय के लोगों को गांधीजी द्वारा रचित शब्द हरिजन से पुकारने के कांग्रेस के फैसले की भी कड़ी निंदा की थी।
 जब 15 अगस्त 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली नई सरकार अस्तित्व में आई तो उसने अम्बेडकर को देश का पहले कानून मंत्री के रूप में कार्य करने के लिए आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। 29 अगस्त 1947 को डॉ. अम्बेडकर को स्वतंत्र भारत के नए संविधान की रचना कि लिए बनी संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। डॉ. अम्बेडकर ने मसौदा तैयार करने के इस काम में अपने सहयोगियों और समकालीन प्रेक्षकों की प्रशंसा अर्जित की। 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अपना लिया। अपने काम को पूरा करने के बाद बोलते हुए डॉ. अम्बेडकर ने कहा कि मैं महसूस करता हूं कि संविधान साध्य है, लचीला है पर साथ ही यह इतना मजबूत भी है कि देश को शांति और युद्ध दोनों के समय जोड़ कर रख सके। वास्तव में मैं कह सकता हूं कि अगर कभी कुछ गलत हुआ तो इसका कारण यह नहीं होगा कि हमारा संविधान खराब था बल्कि इसका उपयोग करने वाला मनुष्य गलत था।
 1951 में संसद में अपने हिन्दू कोड बिल के मसौदे को रोके जाने के बाद अम्बेडकर ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। इस मसौदे में उत्तराधिकार, विवाह और अर्थव्यवस्था के कानूनों में लैंगिक समानता की मांग की गयी थी। अम्बेडकर ने 1952 में लोकसभा का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा पर हार गये। मार्च 1952 में उन्हें संसद के ऊपरी सदन यानि राज्य सभा के लिए मनोनित किया गया। अपनी मृत्यु तक वो उच्च सदन के सदस्य रहे।
 सन् 1950 के दशक में अम्बेडकर बौद्ध धर्म के प्रति आकर्षित हुए और बौद्ध भिक्षुओं व विद्वानों के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए सीलोन गये। 1954 में अम्बेडकर ने बर्मा का दो बार दौरा किया। दूसरी बार वो रंगून में तीसरे विश्व बौद्ध फैलोशिप के सम्मेलन में भाग लेने के लिए गये। 1955 में उन्होंने भारतीय बुद्ध महासभा या बौद्ध सोसाइटी ऑफ इंडिया की स्थापना की। 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में अम्बेडकर ने अपने लाखों समर्थकों के साथ एक सार्वजनिक समारोह में एक बौद्ध भिक्षु से पारम्परिक तरीके से बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया।
 डॉ. अम्बेडकर 1948 से मधुमेह रोग से पीड़ित थे। जून से अक्टूबर 1954 तक वो बहुत बीमार रहे इस दौरान वो कमजोर होती दृष्टि से भी पीड़ित थे। राजनीतिक मुद्दों से परेशान अम्बेडकर का स्वास्थ्य बद से बदतर होता चला गया और 1955 के दौरान किये गये लगातार काम ने उन्हें तोड़ कर रख दिया। 6 दिसम्बर 1956 को अम्बेडकर की मृत्यु नींद में ही दिल्ली स्थित उनके घर में हो गई। 7 दिसम्बर को बम्बई में चौपाटी समुद्र तट पर बौद्ध शैली में उनका अंतिम संस्कार किया गया जिसमें हजारों समर्थकों, कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों ने भाग लिया।
 अम्बेडकर के दिल्ली स्थित 26 अलीपुर रोड के उस घर में एक स्मारक स्थापित किया गया है जहां वो सांसद के रूप में रहते थे। देश भर में अम्बेडकर जयन्ती पर सार्वजनिक अवकाश रखा जाता है। अनेकों सार्वजनिक संस्थान का नाम उनके सम्मान में उनके नाम पर रखा गया है। अम्बेडकर का एक बड़ा आधिकारिक चित्र भारतीय संसद भवन में प्रदर्शित किया गया है। मुंबई में उनके स्मारक पर हर साल काफी लोग उनकी वर्षगांठ 14 अप्रैल व पुण्यतिथि 6 दिसम्बर को उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्रित होते हैं। बाबासाहेब अम्बेडकर को 1990 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। सरकार ने बाबा साहेब को बहुत देर से भारत रत्न सम्मान प्रदान किया जिसके वे बहुत पहले हकदार थे।
 डॉ. अम्बेडकर की सामाजिक और राजनैतिक सुधारक की विरासत का आधुनिक भारत पर गहरा प्रभाव पड़ा है। स्वतंत्रता के बाद के भारत में उनकी सामाजिक और राजनीतिक सोच को सारे राजनीतिक हलके का सम्मान हासिल हुआ। उनकी इस पहल ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आज के भारत की सोच को प्रभावित किया। उनकी यह सोच आज की सामाजिक, आर्थिक नीतियों, शिक्षा, कानून और सकारात्मक कार्रवाई के माध्यम से प्रदर्शित होती है। एक विद्वान के रूप में उनकी ख्याति उनकी नियुक्ति स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री और संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में कराने में सहायक सिद्ध हुयी।
भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव आंबेडकर के कई सपने थे। भारत जाति-मुक्त हो, औद्योगिक राष्ट्र बने, सदैव लोकतांत्रिक बना रहे। उनका एक और सपना भी था कि दलित धनवान बनें। वे हमेशा नौकरी मांगने वाले ही न बने रहें, नौकरी देने वाले भी बनें। अम्बेडकर के दलित धनवान बनने के सपने को साकार कर रही है डिक्की। पुणे के दलित उद्यमियों ने दलित इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डीआईसीसीआई) नामक एक ट्रेड बॉडी बना ली है। नौजवान दलित उद्यमी मिलिंद कांबले के नेतृत्व में डीआईसीसीआई ने गत वर्ष दिल्ली के विज्ञान भवन में एक बहुत बड़ा दलित उद्यमियों का सम्मेलन आयोजित किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुये व उन्होंने देश में दलित उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिये देश के सभी बैंकों से कहा है कि उनकी हर शाखा में कम से कम एक दलित उद्यमी को व्यवसाय प्रारम्भ करने के लिये ऋण उपलब्ध करवाया जाये। भारत सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर का लंदन स्थित वह तीन मंजिला बंगला भी खरीद लिया है, जिसमें वह 1920 के दशक में एक छात्र के तौर पर रहे थे। शीघ्र ही इस भवन को एक अंतरर्राष्ट्रीय स्मारक में तब्दील किया जाएगा जहां दुनिया भर के लोग डॉ. अम्बेडकर के विचारों को जान व समझ सकेंगे।

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दीक्षाभूमि में मोदी ने अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि

April 14, 2017 by harshtandon Leave a Comment

नागपुर की दीक्षाभूमि में मोदी ने अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि

नागपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर की दीक्षाभूमि में आज डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी 126वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। पवित्र परिसर में अंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद मोदी ने कुछ मिनट तक हाथ जोड़कर प्रार्थना भी की। दलितों के मसीहा और संविधान निर्माता ने वर्ष 1956 में इसी जगह पर अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकारा था। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे।

इस दौरे पर रवाना होने से पहले मोदी ने ट्वीट किया था कि अंबेडकर जयंती के ‘‘बेहद खास अवसर’’ पर नागपुर जाने का अवसर मिलने से वह बेहद ‘‘सम्मानित’’ महसूस कर रहे हैं।’’ महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी के एक दिवसीय दौरे पर मोदी कोराडी, चंद्रपुर और परली में कुल 3,230 मेगावाट की क्षमता वाली 14 ताप विद्युत संयंत्र इकाइयां देश को समर्पित करेंगे। इनमें कोराडी में 660-660 मेगावाट वाली तीन सुपर-क्रिटिकल इकाइयां, चंद्रपुर में 500-500 मेगावाट वाली दो और परली में 250 मेगावाट वाली एक इकाई शामिल है।
मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा था, ‘‘नागपुर में विकास परियोजनाओं की एक श्रृंखला शुरू की जाने वाली है जिनका लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन विकास परियोजनाओं में आईआईआईटी, आईआईएम और एम्स तथा करोडी ताप विद्युत स्टेशन का आरंभ शामिल है। इस दौरान एक जनसभा को भी संबोधित करूंगा।’’ मोदी ने कहा, ‘‘एक सशक्त, समृद्ध एवं समावेशी भारत के निर्माण के डॉ. अंबेडकर के स्वप्न की दिशा में हम अपने प्रयासों के प्रति अटल हैं।’’
दिन के आखिर में प्रधानमंत्री डिजिधन मेला के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां वह ‘लकी ग्राहक योजना’ और ‘डिजिधन व्यापार योजना’ के मेगा ड्रॉ विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेंगे। नागपुर के मनकापुर में वह एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

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राष्ट्रपति ने जीएसटी से जुड़े विधेयकों को मंजूरी प्रदान की

April 13, 2017 by harshtandon Leave a Comment

राष्ट्रपति ने जीएसटी से जुड़े विधेयकों को मंजूरी प्रदान की

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था लागू करने से संबंधित चार विधेयकों को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही देश में एक जुलाई से एक-देश-एक कर-व्यवस्था लागू करने का लक्ष्य और करीब आ गया है। राष्ट्रपति ने जिन विधेयकों पर अपनी सहमति की मुहर लगाई है उनमें केन्द्रीय जीएसटी कानून 2017, एकीकृत जीएसटी कानून 2017, जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) विधेयक, 2017, संघ शासित प्रदेश जीएसटी कानून 2017 शामिल हैं। अब राज्य विधानसभाओं में राज्य-जीएसटी विधेयक को पारित किया जाना शेष है।

राष्ट्रपति ने जिन विधेयकों को मंजूरी दी है उन्हें संसद के बुधवार को समाप्त हुये बजट सत्र में पारित किया गया है। सरकार का इरादा देश में एक जुलाई से जीएसटी व्यवस्था लागू करने का है। जीएसटी व्यवस्था लागू करने के लिये गठित जीएसटी परिषद ने जीएसटी प्रणाली के विभिन्न नियमों को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा जीएसटी की चार दरें पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत तय की गई हैं। अब इन दरों में वस्तुओं एवं सेवाओं को रखने का काम किया जा रहा है।

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ईडी ने दिल्ली में सीए और कर पेशेवरों के यहां छापे मारे

April 13, 2017 by harshtandon

प्रवर्तन निदेशालय ने मुखौटा कंपनियों के जरिये कालाधन जुटाने का खुलासा करने के लिये शुरू किये गये अभियान के तहत आज दिल्ली में विभिन्न कर पेशेवरों और चार्टर्ड अकाउंटेंटों के ठिकानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने कथित तौर पर हजारों करोड़ रूपये की रकम बनाये जाने की जांच के तहत करोल बाग, लक्ष्मी नगर, मॉडल टाउन, आजादपुर, दिलशाद गार्डन और कुछ अन्य ठिकानों में छापेमारी की।
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने यह छापे मुखौटा कंपनियों द्वारा बैंकिंग माध्यमों का गलत इस्तेमाल कर धन शोधन और हवाला जैसे लेनदेन पर नजर रखने के लिये प्रदत्त अधिकार के तहत मारे। उन्होंने कहा कि इस दौरान करीब दो दर्जन सीए, कंपनी सचिवों और दूसरे कर विशेषज्ञों के ठिकानों पर तलाशी ली गयी। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई एजेंसी द्वारा इस महीने के शुरू में 500 मुखौटा कंपनियों के खिलाफ मारे गये देशव्यापी छापे का हिस्सा है जिन पर बड़े पैमाने पर कालाधन बनाने का आरोप था।

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भाजपा का शानदार प्रदर्शन- मोदी

April 13, 2017 by harshtandon Leave a Comment

उपचुनाव नतीजों पर मोदी ने कहा, भाजपा का शानदार प्रदर्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के विभिन्न भागों में हुए विधानसभा उपचुनावों में भाजपा के ‘‘शानदार प्रदर्शन’’ की प्रशंसा की। उन्होंने ‘‘विकास एवं सुशासन की राजनीति में अटूट भरोसा’’ जताने के लिए जनता का धन्यवाद दिया। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘देश के विभिन्न भागों में उपचुनावों में भाजपा और राजग द्वारा शानदार प्रदर्शन। कार्यकर्ताओं को बधाई।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘मैं विकास एवं सुशासन की राजनीति में अटूट भरोसा, निरंतर समर्थन और शुभकामनाओं के लिए जनता को धन्यवाद देता हूं।’’ बीते रविवार को हुए उपचुनावों में भाजपा ने दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और असम में जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने कर्नाटक की दोनों सीटों पर जीत हासिल की। उपचुनाव सात राज्यों की नौ विधानसभा सीटों पर हुआ था।

 

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गंगा अधिनियम के प्रारूप पर मालवीय समिति ने प्रस्‍तुत की रिपोर्ट

April 13, 2017 by harshtandon Leave a Comment

उमा भारती ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया

गंगा अधिनियम का प्रारूप तैयार करने के लिए गठित मालवीय समिति ने आज नई दिल्‍ली में अपनी रिपोर्ट केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती को सौंपी। रिपोर्ट स्‍वीकार करते हुए सुश्री भारती ने इसे एक ‘ऐतिहासिक क्षण’ करार दिया और कहा कि ‘मैं इसे स्‍वीकार करते हुए बहुत रोमांचित हूं।’ उन्‍होंने कहा कि मोदी सरकार सभी संबंधित पक्षों से इस पर व्‍यापक विचार विमर्श के बाद इसे शीघ्र ही कानून का रूप देगी। सुश्री भारती ने अपने मंत्रालय के सचिव को निर्देश दिया कि वे इस रिपोर्ट का बारीकी से अध्‍ययन करने के लिए तत्‍काल एक उच्‍च स्‍तरीय समिति का गठन करें और यह समिति जल्‍द से जल्‍द अपनी रिपोर्ट दे। मंत्री महोदया ने उम्‍मीद जताई कि इस रिपोर्ट में गंगा की अविरलता एवं निर्मलता का ध्‍यान रखते हुए पर्याप्‍त प्रावधान किये गए हैं।

समिति के अध्‍यक्ष न्‍यायमूर्ति श्री गिरिधर मालवीय (सेवानिवृत्‍त) ने कहा कि यह एक बड़ी महत्‍वपूर्ण जिम्‍मेदारी थी जिसे समिति के सदस्‍यों ने बखूबी निभाया। उन्‍होंने कहा कि इस कार्य में उन्‍हें केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय और राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन का भरपूर सहयोग मिला।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में गंगा की निर्मलता एवं अविरलता को सुनिश्‍चित करने के लिए पर्याप्‍त प्रावधान किए हैं। रिपोर्ट में गंगा के संसाधनों का उपयोग करने के बारे में जिम्‍मेदारी एवं जवाबदेही तय करने के बारे में कई कड़े प्रावधानों का उल्‍लेख है। समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन के पास पूर्व में उपलब्‍ध कानूनी प्रारूपों का भी अध्‍ययन किया।

केन्‍द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने प्रस्‍तावित गंगा अधिनियम का प्रारूप तैयार करने के लिए न्‍यायमूर्ति गिरिधर मालवीय (सेवानिवृत्‍त) की अध्‍यक्षता में गत वर्ष जुलाई में इस समिति का गठन किया था। समिति के अन्‍य सदस्‍य थे– श्री वी के भसीन, पूर्व सचिव विधायी विभाग भारत सरकार, प्रोफेसर ए के गोसाई, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान दिल्‍ली और प्रोफेसर नयन शर्मा, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान रूड़की। राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन के निदेशक श्री संदीप समिति के सदस्‍य सचिव थे।

79 वर्षीय श्री गिरिधर मालवीय लंबे समय से गंगा संरक्षण अभियान से जुड़े रहे हैं और गंगा से उनका भावनात्मक लगाव है। वे गंगा महासभा के अध्‍यक्ष भी हैं। महासभा की स्थापना उनके पितामह और काशी हिंदू विश्‍वविद्यालय के संस्‍थापक और जाने माने स्‍वतत्रंता सेनानी महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने ही की थी।

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राष्ट्रापति श्री प्रणब मुखर्जी ने 26 भू वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2016 प्रदान किया

April 13, 2017 by harshtandon Leave a Comment

भूवैज्ञानिक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि मानवता का भविष्य भूविज्ञान से प्राप्त निष्कर्षों पर ही निर्भर करता है : श्री पीयूष गोयल

युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्राप्त करने वाले डॉ. अभिषेक साहा की भूरि-भूरि प्रशंसा

राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (12 अप्रैल, 2017) राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय बिजली, कोयला, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा एवं खनन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में 26 वैज्ञानिकों को राष्‍ट्रीय भूविज्ञान पुरस्‍कार 2016 प्रदान किए।

26 भूवैज्ञानिकों को वर्ष 2016 के लिए भूविज्ञान के 11 क्षेत्रों में उनके प्रतिभाशाली योगदानों के लिए राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किए गए। राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, गोवा के डॉ. अभिषेक साहा को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार मिला जिनकी विशेष रूप से राष्ट्रपति एवं खनन मंत्री ने सराहना की।

खनन मंत्रालय में सचिव श्री अरूण कुमार ने पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिकों एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक पुरस्कार जिसे पूर्व में राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार के नाम से जाना जाता था, का गठन 1966 में खनन मंत्रालय द्वारा किया गया था और 2009 से भूविज्ञानों के समस्त क्षेत्रों को पुरस्कार के दायरे में लाने के लिए इसे राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार का नाम दे दिया गया। खनन मंत्रालय ने इन पुरस्कारों का गठन वैज्ञानिकों एवं वैज्ञानिकों की टीमों को मूलभूत तथा अनुप्रयुक्त भूविज्ञानों तथा खनन एवं संबंधित क्षेत्रों में उनकी असाधारण उपलब्धियों एवं बेशुमार योगदानों को सम्मानित करने के लिए किया। इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक जीएसआई, सीएसआईआर, आईआईटी एवं विभिन्न निजी क्षेत्र तथा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के भूवैज्ञानिकों के एक ग्रहणशील समूह से संबंधित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि ‘सदियों से उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के दोहन ने हमारे वातावरण पर एक अपरिवर्तनीय छाप छोड़ी है। महात्मा गांधी ने एक बार टिप्पणी की थी और मैं उनको उद्धृत करता हूं ‘इस दुनिया में मनुष्यों की आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त वस्तुएं हैं लेकिन मनुष्यों की लालच के लिए नहीं।’ हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारे दृष्टिकोण निर्वहनीय हों। ’

राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि दुनिया भर में राष्‍ट्रों के लिए यह आवश्‍यक है कि वे सतत विकास के रास्‍ते पर आगे बढ़ें। इस मॉडल में, प्रगति एवं विकास न केवल खनिज अवयवों की उपलब्‍धता पर निर्भर करता है बल्कि उनके न्‍यायोचित दोहन पर भी निर्भर करता है। उन्‍होंने कहा कि सतह के निकट के खनिज भंडार में बहुत तेजी से गिरावट आ रही है, इसलिए भूवैज्ञानिक समुदाय को हमारे लिए आवश्‍यक खनिजों के लिए गहरे स्रोतों को पाने के जरिये भविष्‍य के संसाधनों की मांग की पूर्ति के लिए अपने कदमों में तेजी लाने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि देश को आत्‍म निर्भर बनाने तथा अपनी कार्यनीतिक आवश्‍यकताओं के लिए बाहरी स्रोतों से आयातों पर निर्भरता घटाने के लिए रणनीतिक एवं महत्‍वपूर्ण खनिज अवयवों की खोज पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए। राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि देश की संसाधन आवश्‍यकताओं पर ध्‍यान देने के साथ-साथ हमें सामुद्रिक क्षेत्रों पर भी विचार करना चाहिए, जिनमें फॉसफोराइट, गैस हाईड्रेट एवं समुद्री सतहों पर भारी मात्रा में सल्‍फाइड की प्रचुर संभावना मौजूद है।

केन्‍द्रीय बिजली, कोयला, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा तथा खनन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर कहा कि भूवैज्ञानिक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि मानवता का भविष्य भूविज्ञान से प्राप्त निष्कर्षों पर ही निर्भर करता है।

इस अवसर पर जो गणमान्‍य व्‍यक्ति उपस्थित थे, उनमें खनन मंत्रालय में सचिव श्री अरूण कुमार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव श्री आशुतोष शर्मा और भारतीय भूगर्भीय सर्वे के महानिदेशक श्री एम.राजू भी शामिल थे।

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जे पी नड्डा ने डेंगू और चिकनगुनिया के बारे में तैयारियों की समीक्षा की

April 13, 2017 by harshtandon Leave a Comment

राज्यों से मच्छरों की रोक और नियंत्रण पर जागरूकता फैलाने के लिए तेजी से आईईसी अभियान चलाने को कहा

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे. पी. नड्डा ने आज यहां देश में डेंगू और चिकनगुनिया की रोक के लिए मंत्रालय और केंद्र सरकार के अस्पतालों की तैयारियों की उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा की। बैठक में श्री नड्डा ने राज्यों से मच्छरों की रोक और नियंत्रण पर जागरूकता फैलाने के लिए तेजी से आईईसी अभियान चलाने का आग्रह किया।

बैठक में केंद्र सरकार के अस्पतालों के निदेशकों/ चिकित्सा अधीक्षकों के साथ स्वास्थ्य सचिव श्री सी के मिश्रा और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

स्थिति का जायजा लेते हुए श्री नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय की तैयारियों के बारे में जाना। उन्हें बताया गया कि डेंगू बिमारी के फैलने से पहले तैयारियों को मजबूत बनाने के लिए जनवरी के प्रारंभ में ही सभी राज्यों में परामर्शदाता भेजे गए हैं। अधिकारियों ने श्री नड्डा को बताया कि मंत्रालय के विशेषज्ञों की टीम विभिन्न राज्यों में तैयारियों का जायजा लेने और उच्च सलाह देने के लिए गई है। केंद्र सरकार के अस्पतालों की ओर से बताया गया कि बीमारी के समय डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के लिए पूरी तरह से लैस हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली के अस्पतालों का नियमित रूप से निरीक्षण करें और स्थिति, तैयारियों की समीक्षा करें ताकि स्वास्थ्य अधिकारोयं को मौके पर ही तकनीकी निर्देश दिए जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सचिव से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये राज्यों की तैयारियों की समीक्षा करने को कहा।

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नई टैक्सी नीति के दिशा-निर्देशों में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिलाओं के लिए सिफारिश किये गये टैक्सी सुरक्षा उपाय भी शामिल

April 13, 2017 by harshtandon Leave a Comment

टैक्सी सेवाओं का लाभ लेने वाली महिलाओं की सुरक्षा के बारे में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा सिफारिश किए गए सुरक्षा उपायों को नई टैक्सी नीति के दिशा-निर्देशों में शामिल किया गया है। महिला और बाल विकासमंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने इन उपायों की सिफारिश सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा शिपिंग मंत्रालय से की थी।

सोशल मीडिया पर श्रीमती मेनका गांधी को टैक्सियों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के कई मामलों के बारे में सूचित किये जाने को देखते हुये ये सिफारिशें की गयी थीं। महिलाओं ने ट्विटर और फेसबुक पर अपनी मुश्किलेंसाझा की थीं। इसके बाद महिला और बाल विकास मंत्री ने इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए रेडियो टैक्सी सेवा प्रदाताओं के साथ बैठक की। उस बैठक के आधार पर मंत्री महोदया ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्रीनितिन गडकरी को उनके मंत्रालय द्वारा तैयार किये जा रहे नियामक दिशा-निर्देशों में आवश्यक सुरक्षा उपायों को शामिल करने के लिए पत्र लिखा था।

नई टैक्सी नीति के दिशा-निर्देशों में शामिल महिला और बाल विकास मंत्रालय की सिफारिशें निम्‍नलिखित हैं:

  • टैक्सियों में अनिवार्य रूप से जीपीएस पैनिक उपकरण लगे होने चाहिए।
  • महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए टैक्सी में सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
  • वाहन के फोटो और पंजीकरण संख्या के साथ चालक का पहचान पत्र भी टैक्सी में प्रमुखता से लगाया जाना चाहिए।
  • टैक्सी ऑपरेटरों/ड्राइवरों द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन करने पर उनसे कानून के अनुसार कड़ाई से निपटा जाना चाहिए।
  • यात्रियों की इच्छा पर ही सीट साझा की जानी चाहिए।

महिला और बाल विकास मंत्री की सिफारिशों को नियामक दिशानिर्देशों में शामिल करने की मंजूरी दे दी गई है। श्रीमती मेनका गांधी ने टैक्सियों में महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षा उपाय करने संबंधी सिफारिशों कोस्वीकार करने के लिए श्री नितिन गडकरी का धन्यवाद किया है।
महिला यात्री टैक्सियों में सुरक्षा के संबंध में श्रीमती मेनका गांधी को सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी परेशानियां बताती हैं। महिला और बाल विकास मंत्री ने #HelpMeWCD नाम से हैशटैग शुरू किया है। इस परउत्‍पीड़न/ हिंसा झेल रही कोई भी महिला या बच्चा ट्वीट कर सीधे अपनी समस्‍या बता सकता है।

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