बीएसपी सुप्रीमो के बिगड़े बोल राम से कि अपनी तुलना
1 min readमायावती ने की भगवान राम की मूर्ति से अपनी बराबरी,कहा-राम की मूर्ति बन सकती है तो मेरी क्यों नहीं।
मायावती की मूर्तियां लखनऊ के अंबेडकर पार्क में लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जवाब मांगा। इस पर मायावती की ओर से सुप्रीम कोर्ट ने जो हलफनामा दायर किया गया उसमें काफी चौंकाने वाले और हास्यास्पद बात कही गई।
संवादाता हरिओम द्विवेदी सुप्रीम कोर्ट में एक अजीबोगरीब हलफनामा दिया है। अपने एफिडेविट में मायावती ने कहा है कि जब भगवान राम की मूर्ति बन सकती है तो उनकी मूर्ति क्यों नहीं लग सकती। बता दें कि लखनऊ के अंबेडकर पार्क में मायावती की मूर्तियां लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया था और उनसे जवाब मांगा था। इस पर सुप्रीम कोर्ट में मायावती की तरफ से जो हलफनामा दायर किया गया है उसमें काफी चौंकाने वाली बातें हैं।
मायावती ने कहा कि जनभावनाओं को देखते हुए उनकी मूर्तियां अंबेडकर और कांशीराम के साथ लगाई गईं और ये कैबिनेट के फैसले के बाद हुआ था। मायावती ने दलील दी है कि अपने समाज के लिए उन्होंने शादी नहीं की और पूरी जिंदगी बहुजन मिशन के साथ जुड़ने का फैसला किया। इसी त्याग की वजह से उनकी मूर्तियां लगाना सही है।
इसी के साथ बीएसपी सुप्रीमो ने अयोध्या में लगने वाली भगवान राम की मूर्ति से अपनी तुलना की। मायावती ने पूछा है कि सरकारी पैसे से 221 मीटर की भगवान राम की मूर्ति बन सकती है तो उनकी क्यों नहीं। मायावती ने इसी क्रम में गुजरात सरकार द्वारा 3,000 करोड़ रुपये की लागत से सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची मूर्ति और मुंबई में शिवाजी महाराज की मूर्तियों का भी जिक्र किया।