-आवेदनकर्ताओं की सूची गायब मिलने व लिखित परीक्षा आयोजित न होने से खुला घोटला
कानपुर, 02 जनवरी । उत्तर प्रदेश की पूर्व सपा सरकार में हथकरघा विभाग में हुई टेक्नीशियन व क्लर्क पदों पर हुई 150 से अधिक भर्तियों को निरस्त कर दिया है। यह आदेश भर्ती प्रक्रिया में बिना लिखित परीक्षा कराने व बरती गई अनियमितताओं पर खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने दिये हैं।
पूर्व की अखिलेश सरकार में लखनऊ में हुए रिवीर फ्रंट प्रोजेक्ट में हुए घोटाले के बाद सूबे में 2016 में हथकरघा विभाग में निकाली गई भर्तियों में घोटाला सामने आया है। यह घोटाला उस वक्त खुलकर सामने आया जब भर्ती प्रक्रिया की जांच मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मंत्री खादी और ग्रामोद्योग सत्यदेव पचौरी ने कराई। भर्ती के दौरान पूर्व सरकार ने सभी नियम-कायदों को ताक पर रखते हुए बिना लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के कर दी गई।
अखिलेश सरकार ने केवल मेरिट के आधार पर टेक्नीशियन व क्लर्क पदों पर आवेदकों का चयन कर दिया। शुरूआती जांच में यह भी आया है कि मेरिट तैयार करने में भी बड़ा घालमेल किया गया। इस बीच पूरी तरह से अनियमितता कर हो रही भर्ती प्रक्रिया उस वक्त फंस गई जब सूबे में विधानसभ चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो गई। आचार संहिता जारी होते ही 152 पदों पर हुई इन भर्तियों के नियुक्तिपत्र जारी नहीं हो सके।
विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में बनी भाजपा की सरकार में बने मंत्री सत्यदेव पचौरी के पास जब भर्ती प्रक्रिया के नियुक्तिपत्र जारी करने की फाइल अनुमोदन को पहुंची तब पूरा इस भर्ती घोटाले की कलई खुल गई। मंत्री ने अफसरों से भर्ती को लेकर हुई पूरी आवेदन प्रक्रिया की जानकारी करते हुए जांच कराई तो पता चला कि आवेदन करने वालों की सूची ही गायब है। इसको आधार मानते हुए मंत्री ने तुरंत भर्तियों को निरस्त करते हुए मामले से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
चयनितों ने ली कोर्ट की शरण
भर्ती निरस्त होने की जानकारी मिलते ही चयनित होने वाले अभ्यर्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अभ्यर्थियों ने पूर्व सपा सरकार में हुई इस भर्ती को पूरी तरह से नियमानुसार होने का दावा पेश किया।
इस मामले में खादी एंव ग्रामोद्योय मंत्री सत्यदेव पचौरी ने बताया कि सरकार ने कोर्ट में भर्ती के खिलाफ अपना पक्ष रखने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। भर्ती में बरती गई अनियमितता को जांच पूरी करा ली है। इसके साथ ही कानूनी सलाह भी ले ली गई है। सरकार अपनी बात को सच साबित करने के लिए कोर्ट में पैरोकारी को तैयार है।
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