यूएचएम ह्रदय घात की पहचान कर रोकथाम पर संगोष्ठी
1 min readह्रदय रोग विशेषज्ञयों द्वारा ह्रदय रोग की पहचान व नियंत्रण पर संगोष्ठी।
संवाददाता:हरिओम द्विवेदी; कानपुर-यू.एच.एम.हस्पताल हृदय रोग की पहचान कर रोकथाम पर संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कानपुर चिकित्साधिकारी श्री अशोक शुक्ल जी ने किया।
कानपुर चिकित्साधिकारी डॉ अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए रोजमर्रा की खानों में वसा की कटौती करनी चाहिए। आलू शक्कर चावल दाल जैसे खाद भोजन शरीर में अत्यधिक वसा बना कर ह्रदय को अस्वस्थ बना कर ह्र्दय रोग को बढ़ावा मिलता हैं। वही रोजमर्रा की जींदगी में व्यायाम न कर पाने से भी शरीर और ह्रदय को नुकसान होता है। वही अगर पूरा परिवार साथ भोजन,साथ साथ घूमने, एवं परेशानी को भी आपस में साझा करे तो कही हद तक ह्रदय की समस्या से झुटकारा पाया जा सकता है। वह डॉक्टर रीतेश गंगवार हैदर रोग विशेषज्ञ रामा मेडिकल विश्वविद्यालय ने बताया कि बिना व्यायाम असंतुलित भोजन शरीर में अत्यधिक वसा कोलोस्ट्रॉल बढता है जिसे खून की नली में तनाव उत्पन्न होता है और असंतुलित भोजन समोसा पूड़ी मैदा युक्त भोजन बर्गर जैसी चीजों से शरीर में अत्यधिक थकान सांस फूलना जैसी हंस समस्याओं के साथ ह्रदय रोग उत्पन्न होने पर खत्म हो जाता। असंतुलित जीवन ही श्रद्धेय रोग की प्रारंभिक सीढ़ी है। ह्रदय रोग संस्थान में 34 प्रतिशत हृदय रोगियों की संख्या 40 उम्र से कम कि है। जो कि खतरनाक स्तुति है जल्द अगर हम अपने संतुलित आहार पर सच इतना हुए तो इससे अधिक चिंतनीय स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। मधुमेह एवं रक्तचाप का कभी कारण ह्रदय रोग को बढ़ावा देता है।
डॉ मनीष फिजिशियन उर्सला अस्पताल ने बताया कि 50 उम्र के बाद व्यक्ति को 1400 कैलोरी युक्त भोजन इसी करना चाहिए। सुबह का नाश्ता जरूर करें वह आम करें कम से कम 5 घंटे की नींद पूरी करें दिन भर में लगभग 5 ग्राम तक नमक का प्रयोग करें। मोटापे को नियंत्रण करे प्रोटीन अंकुरित भोजन का रोजमर्रा में लाए। वजन कम करने से बीपी अपने आप नियंत्रण रहता है वही एलकोहल न ले एवं नियमित दवाओं के सेवन से हद रूप की समस्या से कह तक बचा जा सकता है। कार्यक्रम में सदस्यों की बीएमआई जांच कराई गई जिन सदस्यों का जांच अधिकारी गई उन्हें सलाह दी गई। कार्यक्रम का कुशल संचालन कोऑर्डिनेटर डॉ.एस के निगम में किया। धन्यवाद डॉ महेश कुमार ने किया। संगोष्ठी में लायंस क्लभ,एलायंस क्लब, डॉ एसोसिएशन होम्योपैथिक, डॉ पाठक ,डॉ. निगम, डॉ. बी एन आचार्य, डॉ निशांत निगम, डॉ चिरंजीव डॉट निधि बाजपेई आदि उपस्थित रहे।