वर्ष 1986 से 1991 तक चिड़िया घर के अंदर घटित रेस्क्यू का पुस्तक में उल्लेख साथ दिव्यांग बच्चों पुरस्कार वितरित किया गया।
किताबों के कहानियों के शौक रखने वाले एवं वन्य जीवन के प्रति सजग रहने वालों के लिए अच्छी खबर प्राणी उद्यान के 44वें वर्षगांठ पर कानपुर प्राणी उद्यान के पूर्व निदेशक मोहम्मद अहसन द्वारा लिखी गई पुस्तक टेल्स फ्रॉम कानपुर जुहू का रविवार को विमोचन किया गया इसमें वर्ष 1986 से लेकर 1991 तक चिड़ियाघर के अंदर घटित रेस्क्यू वन्यजीवों की तमाम जानकारियों का उल्लेख किया गया है। प्राणी उद्यान की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर लगभग 1 किलो का केक काट कर बनाया गया। U
रिपोर्ट हरिओम कानपुर- प्राणी उद्यान के 44वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों ने प्राणी उद्यान का चित्र बनाकर सभी को अपने हुनर का लोहा मनवाया। इसके बाद उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया गया प्रथम पुरस्कार – सौम्या कुशवाहा बी एस एस इंटर कॉलेज को अंशु वर्मा द्वितीय कोमल कश्यप जीपी मेमोरियल इंटर कॉलेज को पुरस्कृत किया गया। अतिथियों का स्वागत एवं प्राणी उद्यान के बारे में निदेशक महोदय श्री दीपक कुमार ने जानकारी देते हुए प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आर के सिंह द्वारा वन्य प्राणियों के विषय में जानकारी दी वही अतिथि पूर्व निदेशक कानपुर प्राणी उद्यान मोहम्मद हसन द्वारा लिखित पुस्तक ट्रेंल्स फ्रॉम कानपुर जू का विमोचन करते हुए वन जीवन को संरक्षण करने का भी महत्व बताया। वही 1986 से 1991 तख्त चिड़ियाघर के अंदर गणित रेस्क्यू वन्यजीवों की तमाम जानकारियों का अपनी पुस्तक में उल्लेख करते हुए तमाम महत्वपूर्ण जानकारियों का भी विवरण दिया है मुख्य अतिथि द्वारा प्राणी उद्यान के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया। जिसमें श्री मुद्रिका पांडे श्री परशुराम श्री जेेपी अवस्थी श्री शंकर आदि को पूर्व में किए गए उत्कृष्ट कार्यों हेतु प्रशासित पत्र देकर सम्मानित किया गया कार्यक्रम का संचालन श्री आई पी यादव बायो लार्जेस्ट द्वारा किया गया उपस्थित आर एस शुक्ला डॉक्टर मोहम्मद नासिर श्री अनिल कुमार अवस्थी प्रशासनिक अधिकारी श्री नरेंद्र सिंह वरिष्ठ सहायक श्री विश्वजीत सिंह वरिष्ठ सहायक श्री सुनील कुमार शर्मा वरिष्ठ सहायक प्रिया अग्रवाल एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी आदि उपस्थित रहे प्राणी उद्यान के मॉर्निंग वॉक कर श्री वी के शर्मा श्री रतन राठौर कैप्टन त्रिपाठी व अन्य वन्य जीव प्रेमी आदि उपस्थित रहें।
जोधपुर से आएंगे चिंकारा व भेड़िया
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कानपुर चिड़ियाघर में मौजूद अलग-अलग प्रजाति के 12 सबसे अधिक वन्यजीवों के साथ ही जल्द यहां चिंकारा व भेड़िया नए मेहमानों के रूप में दिखाई देंगे बस यहां पर प्रशासनिक अफसर सेंट्रल जू अथॉरिटी सीजेडए से अनुमति मिलने का इंतजार हो रहा है लगभग 1 माह पहले ही अधिकारियों की ओर से प्रस्ताव सीजेडए को भेजा गया है जिसमें कानपुर प्राणी उद्यान से बाघिन त्रुशा का शावक जोधपुर भेजा जाएगा इसका जिक्र भी किया गया है चिकित्सक आर के सिंह ने कहा कि जोधपुर प्राणी उद्यान से 6-7 चिंकारा वह एक नर और एक मादा भेड़िया यहां आएंगे वन्यजीवों की अदला बदली की प्रक्रिया के तहत इन्हें यहां रखने लाने की तैयारी की जा रही है बतादे मौजूदा समय में बागन त्रुशा के 6 भाग यहां हैं।