विहिप का राम मंदिर मॉडल बनाने वाले आर्किटेक्ट ने कहा- 50% काम पूरा, 2000 कारीगर ढाई साल में मंदिर बना देंगे
1 min readलखनऊ. सुप्रीम कोर्ट द्वारा शनिवार को राम मंदिर निर्माण का फैसला दिए जाने के बाद सबसे जेहन में पहला सवाल यह है कि मंदिर निर्माण कितने समय में पूरा हो जाएगा? विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने 30 साल पहले गुजरात के आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा से राम मंदिर का मॉडल बनवाया था। चंद्रकांत ने भास्कर ऐप से खास बातचीत में बताया कि मंदिर निर्माण के लिए 50% काम पूरा हो गया है। अगर 2000 कारीगर रोजाना 10-10 घंटे काम करेंगे तो इसे ढाई साल में पूरा कर लिया जाएगा।
चंद्रकांत के दादा ने गुजरात में सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया था। सोमपुरा परिवार पीढ़ियों से मंदिर निर्माण के काम में ही लगा हुआ है।
राम मंदिर का डिजाइन 6 बार तैयार किया गया था
चंद्रकांत ने बताया- हमारा काम देखने के बाद ही 30 साल पहले विहिप ने हमसे संपर्क किया था। अशोक सिंघल ने हमसे मंदिर का मॉडल बनाने को कहा था। उसी वक्त मंदिर के मॉडल और पत्थर तराशने का काम शुरू हुआ था। मंदिर का डिजाइन तैयार करने में 6 महीने लगए। हमने 6 बार अलग-अलग डिजाइन तैयार किए। इसके बाद सिंघल और उनकी टीम को नागर शैली से बना डिजाइन पसंद आया।
राममंदिर का गर्भगृह अष्टकोणीय होगा
उन्होंने कहा, “भारत में मंदिर तीन शैलियों में ही बनते हैं। नागर, द्रविड़ और बैसर शैली। राम मंदिर नागर शैली में बनाया जाएगा। यह उत्तर भारत में प्रचलित है। इस शैली के मंदिरों की विशेषता है कि यह आधार से शिखर तक चतुष्कोणीय होते हैं। राममंदिर का डिजाइन खास है। इसकी परिक्रमा वृत्ताकार होगी, जबकि गर्भगृह अष्टकोणीय होगा। दो मंजिला मंदिर में भूतल पर मंदिर और ऊपरी मंजिल पर रामदरबार होगा। इसके खंबों पर देवी-देवताओं की आकृतियां उकेरी जाएंगी। गुंबद का काम अभी पूरा नहीं हुआ है, इसमें वक्त लगेगा।
राम मंदिर में लोहा नहीं इस्तेमाल किया जाएगा
चंद्रकांत ने बताया कि 50% काम पूरा हो गया है। सामान्य स्थितियों में अगर मंदिर का निर्माण किया जाए तो इसमें ढाई से तीन साल का समय लग सकता है। राम मंदिर में लोहा नहीं इस्तेमाल किया जाएगा। निर्माण में करीब 100 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। मंदिर की चौड़ाई 150 फीट, लंबाई 270 फीट और गुंबद तक की ऊंचाई 270 फीट होगी। उन्होंने कहा कि हमने लंदन (ब्रिटेन) में स्वामी नारायण मंदिर को केवल 2 साल के भीतर बना दिया था।