केंद्रीय मंत्री के शिकायती पत्र पर रियल स्टेट कम्पनी के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
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अमेठी विजय कुमार सिंह
केंद्रीय मंत्री के शिकायती पत्र पर रियल स्टेट कम्पनी के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
खबर यूपी के अमेठी से है जहां कांग्रेस एम एल सी दीपक सिंह के एक ट्वीट ने अमेठी की राजनीति में भूचाल खड़ा कर दिया और मामले में पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
दर असल मामला अमेठी के जगदीशपुर का है। यहां स्थित एक रियल स्टेट कम्पनी शाईन सिटी ने जमीन के खरीद फरोख्त के सिलसिले में एक विज्ञापन छपवाया जिसमें अमेठी सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी, राज्य मंत्री सुरेश पासी व भाजपा के जिलाध्यक्ष के साथ स्थानीय ग्राम प्रधान अभय प्रताप सिंह ग्राम प्रधान मटियारी कला, जगदीशपुर की फोटो भी नीचे छपवा दिया। विज्ञापन को देखते हुए कांग्रेस पार्टी के एम एल सी दीपक सिंह फोटो के साथ ट्विटर हैंडल पर मंत्री को टैग करते हुए ट्वीट कर लिखा कि “अभी साल भर भी नहीं अमेठी से जीते और अब स्मृति ईरानी अमेठी में विज्ञापन देकर जमीन भी बेचने लगीं। हम अमेठी वासी अब अमेठी नहीं बिकने देंगे”
ट्वीट का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने बिना अनुमति विज्ञापन में फोटो छापने पर नाराजगी जाहिर करते हुए अपने निजी सचिव को शिकायती पत्र लिखकर संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया। आदेश के अनुपालन में मंत्री के निजी सचिव ने शाइन सिटी रियल स्टेट के प्रबन्ध निदेशक व अन्य के खिलाफ एसपी को प्रार्थना पत्र दिया जिस पर तत्काल आदेश करते हुए अज्ञात के खिलाफ धारा 420व 267 के अन्तर्गत जगदीशपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराकर जांच शुरू करा दी।
एसपी ने मीडिया को बताया कि बिना पूर्व अनुमति के किसी जनप्रतिनिधि की फोटो छपवाना कानूनन अपराध होता है। इससे किसी की छवि धूमिल हो सकती है।
एसपी ने बताया कि किसी भी पब्लिक या प्राइवेट फिगर को उसके बिना पूर्व अनुमति उसकी बिना सहमति के उसके नाम पदनाम और फोटो को किसी भी विज्ञापन में पब्लिश करना एक अनलीगल एक्टिविटी है इस पर और जागरूक करने के लिए और रोक लगाने के लिए मीडिया के जरिए मेरी अपील है भी है साथ ही इसमे मेरे द्वारा रीयल स्टेट कम्पनी के ठेकेदारी के संबंध में प्लॉटिंग के संबंध में और प्लॉटिंग के एनओसी के संबंध में डीएम कार्यालय को मेरे द्वारा एक रिपोर्ट भेजी जाएगी यही नही पुलिस अधीक्षक ने ये भी कहा की इस संबंध में उनके पास कोई एनओसी नहीं है कोई अनुमति नहीं है इसलिए हम लोग एक लीगल एक्शन ले रहे हैं और दूसरा डीएम कार्यालय से इनके एनओसी के संबंध में और ठेकेदारी के संबंध मे नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट और अनापत्ति रिपोर्ट के संबंध में पुनः जांच करने के लिए मेरे द्वार पत्राचार किया जा रहा है। इस मामले में आईपीसी की धाराओ मे हमने मुकदमा पंजीकृत किया है और कई लोगों से पूछताछ चल रही।