करन एस मिश्रा
वसई : वसई तालुका मे इन दिनों जहां चोरी और डकैती की वारदातों मे बढ़ोत्तरी हुई है वहीं कुछ शेर की खाल मे भेड़िये भी छुपे बैठे है। जो शेर के नाम पर अपनी रोटी सेंक रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे है वसई तालुका की, जहां पर बड़े पैमाने पर उत्तर भारतीय समाज रहता है। वहीं पर चौथे स्तंभ को बदनाम करते हुए अब कुछ नास्तिक शर्म, हया अथवा अपने जमीर को दांव पर रखकर आम जनता से धर्म, आस्था, पूजा – पाठ व संस्था के नाम पर डरा धमका कर अथवा बेवकूफ़ बनाकर लोगों की जेबों पर डकैती डालने का काला कारोबार चला रहे हैं। जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। आपको बता दें की यहां पर रोज समाजसेवा के नाम पर नए नए संस्थाओं का उद्गम होता है किंतु इन संस्थाओं का मूल उद्देश्य समाजसेवा करना नही बल्कि समाजसेवा के नाम पर लोगों से धन उगाही कर अपनी सेवा करनी होती है। उसी ओर इन दिनों वसई तालुका के कोने कोने मे दूर दूर से आए साधू महंतो द्वारा प्रवचन का कार्यक्रम चल रहा है। वहीं इसी दौड़ मे कुछ वसूली करनेवाली सामाजिक संस्थाए भी स्थानिक झोलाछाप बाबाओं द्वारा माल बटोरने के चक्कर मे प्रवचन करा रहें हैं जिन्हें की दूर दूर तक धर्म ग्रंथ व शास्त्र से कुछ लेना देना नही है। उसी कडी मे हिंदुओं के कुछ सार्वजनिक त्योहार जैसे नवरात्र व गणेशोत्सव भी अब सिर्फ अपनी जेबें भरने के लिए मनाई जाती है। पूजा पाठ सब दिखावा हो गया है। जिसका फायदा अब दूसरे धर्म के लोग उठा रहे है। जितनी तेजी से हिंदू धर्म विनाश की ओर अग्रसर हो रहा है उतनी ही तेजी से ईसाई मिशनरियाँ व कुछ मुस्लिम धर्म के लोग धर्मपरिवर्तन करा रहें है। यदि समय रहते इन सभी पहलुओं पर विचार नही किया गया तो वह दिन दूर नही जब पुनः एक बार हमारा भारत देश गुलामी के जंजीरों मे जकड़ जाएगा। इतिहास गवाह है उस समय भी कुछ ऐसा ही हुआ था जो सैकड़ों साल तक भारत देश गुलाम हुआ था इसलिए सभी को सचेत होकर अपनी आँखे खोल लेनी चाहिए अथवा उचित व अनुचित की पहचान कर ही कदम आगे बढ़ाएं और किसी के बहकाएं मे ना आये यदि किसी को भी किसी प्रकार की कुछ शंका हो तो तुरंत स्थानीय पुलिस चौकी मे जाकर शिकायत दर्ज कराए