विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद ने दी अपने ट्वीट हैंडल से जानकारी, भारतीय पुरातत्व संरक्षण एएसआई को दी बधाई।
संवाददाता हरिओम द्विवेदी
वियतनाम के एक मंदिर की खुदाई के दौरान मिला 1100 साल पुराना विशाल शिवलिंग पुरातन विभाग ने भी हिंदू साम्राज्य की सभ्यता की जानकारी दी, 9वीं सताब्दी की सभ्यता और 13वीं शताब्दी में बौद्ध एवं हिंदू धर्म का बोलबाला हिंदू राजा का था शासन।
मंदिर परिसर में मिला शिवलिंग
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को गत बुधवार एक संरक्षण परियोजना की खुदाई के दौरान 9वीं शताब्दी का शिवलिंग मिला है। यह शिवलिंग बलुआ पत्थर का है और इसे किसी तरह की हानि नहीं पहुंची है। यह शिवलिंग वियतनाम के माई सोन मंदिर परिसर की खुदाई के दौरान एएसआई को मिला है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्विट कर दी जानकारी
इस खोज पर एएसआई की प्रशंसा करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि 9वीं शताब्दी का अखंड बलुआ पत्थर शिवलिंग वियतनाम के मई सन मंदिर परिसर में जारी संरक्षण परियोजना की नवीनतम खोज है। एएसआई की टीम को बधाई ।
बेहद खास है यह मंदिर परिसर
विदेश मंत्री ने खुदाई की तस्वीरें ट्वीट कर 2011 में इस अभयारण्य की अपनी यात्रा को भी याद किया। अपने एक अन्य ट्विट में उन्होंने इस खोज को भारत की विकास साझेदारी का एक महान सांस्कृतिक उदाहरण बताया। बता दें कि इस मंदिर परिसर से पहले भी कई मूर्तियां और कलाकृतियां मिली हैं, जिनमें भगवान राम और सीता की शादी की कलाकृति और नक्काशीदार शिवलिंग प्रमुख हैं।
चंपा के राजाओं ने कराया था निर्माण
वियतनाम स्थित ‘माई सन मंदिर’ पर हिन्दू प्रभाव है और यहां कृष्ण, विष्णु तथा शिव की मूर्तियां हैं। यह परित्यक्त और आंशिक रूप से ध्वस्त हिन्दू मंदिर हैं। इनका निर्माण चंपा के राजाओं ने चौथी से 14वीं शताब्दी के बीच कराया था। मंदिर परिसर मध्य वियतनाम के क्वांग नाम प्रांत के दुय फू गांव के पास स्थित है। मंदिर परिसर करीब दो किलोमीटर लंबी-चौड़ी घाटी में स्थित है जो दो पहाड़ों से घिरा हुआ है।
हिंदू राज्य था चंपा
वियतनाम का चंपा क्षेत्र प्राचीन काल में हिंदू राज्य और हिंदू धर्म का गढ़ था। यहां स्थानीय समुदाय चम का शासन दूसरी शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक रहा था। चम समुदाय में ज्यादातर लोग हिंदू थे, लेकिन आगे चलकर इस समुदाय के कई लोगों ने बौद्ध और इस्लाम धर्म को अपना लिया। वियतनाम वॉर के दौरान एक सप्ताह में ही अमेरिका की बमबारी ने इस परिसर को बड़े पैमाने पर नुकासन पहुंचा था। इस दौरान यह मंदिर परिसर लगभग तबाह हो गया था।