आज सुहागिनें रखी हैं करवा चौथ का कठिन निर्जला व्रत
संवाददाता सुनील कुमार दैनिक अयोध्या टाइम्स सिंहपुर अमेठी
करवा चौथ पर महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं और रात के समय चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत खोलती हैं. करवा चौथ में चंद्र देव की आराधना का महत्व विशेष होता है. शास्त्रों के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि अगर चंद्र देव की उपासना की जाए तो इससे दीर्घ आयु और पति-पत्नी के बीच प्रेम में बढ़ोतरी होती है।करवा चौथ पर बुध के साथ सूर्य ग्रह भी विद्यमान होंगे, दोनों की युति बुधादित्य योग बनाएगी, इसके अलावा इस दिन शिवयोग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि, सप्त कीर्ति, महादीर्घायु और सौख्य योग बन रहे हैं. सर्वार्थ सिद्धि में चतुर्थी तिथि प्रारंभ हो रही है, जबकि इस तिथि का अंत मृगशिरा नक्षत्र में होगा।पूजा के समय इस मन्त्र के जप से व्रत शुरू करें. मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुथीज़् व्रतमहं करिष्ये।’ अब जिस स्थान पर आप पूजा करने वाले हैं उस दीवार पर गेरू से फलक बनाकर चावल के पीसें हुए घोल से करवा चित्रित करें. इस विधि को करवा धरना कहा जाता है।व्रती महिलाएं पूजा-पाठ में भूरे और काले रंग को शुभ नहीं माना जाता है. इस दिन लाल रंग के कपड़े ही पहनें क्योंकि लाल रंग प्यार का प्रतीक माना जाता है. आप चाहें तो पीले वस्त्र भी पहन सकते हैं।हिंदू मान्यता के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी के दिन सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का कठिन व्रत रखती हैं।