17 बरस बाद राम मंदिर परिसर में खुदाई मिले खंबे और प्राचीन 5 फुट का शिवलिंग, ट्रस्ट ने कहा- मंदिर के मिले सबूतों को म्यूजियम में रखे।
नई दिल्ली:हरिओम द्विवेदी:-देश विदेश में एक बार फिर से अयोध्या राम जन्मभूमि ने ध्यान आकर्षित किया है। मामला राम मंदिर के होने से मुद्दा खासा गर्म नजर आ रहा है। राम जन्म भूमि के आस पास भूमि समतल होने का कार्य चल रहा है। जिसमें फिर से मंदिर परिसर की खुदाई होने के बाद मंदिर राम जन्मभूमि के सबूत मिलने से एक बार फिर से मुद्दा गरमा गया है जहां हिंदू धर्म के अनुयायियों ने मंदिर होने की पुख्ता सबूत मिलने से उन लोगों के मुंह पर ताला जड़ा है जो लोग यह कह रहे थे कि राम का अस्तित्व नहीं है खुदाई में मिले कई कलश, पत्थर के स्तंभ और देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां मिली हैं.इसके अलावा कुछ और सामान भी मिट्टी के नीचे से मिले हैं.जो हिंदू संस्कृति से जुड़े हैं।
17 सालों बाद राम जन्म भूमि परिसर में खुदाई की गई है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में रामलला को टेंट से बाहर निकाल लिया गया है. रामनवमी के दिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूजा की थी. इसके बाद एक कॉटेज जैसे मंदिर में रामलला को शिफ्ट कर दिया गया है. मंदिर कब से बनेगा ? ये तारीख अभी सुनिश्चित नहीं है।
श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ट्वीट कर मंदिर के सबूत मिलने की जानकारी दी है. 11 मई से ही जमीन को समतल करने का काम चल रहा था।अयोध्या के डीएम अनुज झा ने ये जानकारी देते हुए बताया कि आधे से अधिक काम पूरा हो चुका है. विश्व हिंदू परिषद के नेता और ट्रस्ट के मेंबर चंपत राय ने बताया कि खुदाई में 5 फुट के दो शिवलिंग भी मिले हैं।
इसके अलावा खुदाई में पुरातात्विक महत्व की कई चीजें मिली हैं. जैसे कलश, ब्लैक टच स्टोन के 7 पिलर, स्टैंड स्टोन के 6 स्तंभ. अब सवाल ये है कि खुदाई के दौरान जो सामान मिले हैं. उनका क्या किया जाए. ट्रस्ट के एक सदस्य बताते हैं कि प्रस्तावित राम मंदिर के पास में एक म्यूजियम भी बनेगा. इन सभी सामानों को इसी म्यूजियम में रखने पर विचार चल रहा है।
अक्षय तृतीया के पवित्र मौके पर राम मंदिर के भूमि पूजन का प्रस्ताव था. ये बात अप्रैल महीने की है. इसी बीच देश भर में लॉकडाउन हो गया. 11 मई से राम जन्म भूमि परिसर में जमीन के समतलीकरण का काम शुरू हो गया है. इसमें 30 मजदूर लगाए गए हैं. जिस जगह पर 28 सालों से टेंट में रामलला की पूजा हो रही थी, उसके आसपास का काम पूरा हो चुका है. कुल करीब 70 एकड़ जमीन पर समतलीकरण का काम होना है. एक बार जब ये काम पूरा हो जाएगा फिर मंदिर बनाने का काम शुरू होगा।