शरीर के लिए पानी से महत्वपूर्ण दूसरी चीज शायद ही हो। चूंकि मनुष्य का आधे से अधिक शरीर पानी से ही बना है और शरीर की सभी गंदगी को प्राकृतिक तरीके से निकालने में पानी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए दिन में आठ से दस गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पानी पीने का भी अपना एक तरीका होता है, अन्यथा इस अमृत को जहर में बदलते देर नहीं लगती। गलत समय पर गलत तरह से पिया गया पानी शरीर को सिर्फ और सिर्फ नुकसान ही पहुंचाता है। तो चलिए जानते हैं पानी पीने के कुछ नियमों के बारे में−
पीएं खाली पेट
सुबह उठकर व्यक्ति को सबसे पहले पानी ही पीना चाहिए। इससे व्यक्ति को पेट संबंधी परेशानियां जैसे कब्ज या अपच आदि समस्याएं नहीं होती और पेट भी ठीक तरह से साफ होता है। यह पूरी तरह आपके उपर है कि तांबे में रखा पानी पीएं या गर्म पानी पीएं या फिर पानी में नींबू व शहद मिलाएं। आप किसी भी तरह से पानी लें लेकिन एक या दो गिलास पानी अवश्य पीएं।
भोजन के साथ नहीं
कुछ लोग भोजन के साथ हमेशा एक गिलास पानी अवश्य रखते हैं। अगर आपकी भी यही आदत है तो आज ही इसे बदल दीजिए। कभी भी भोजन के साथ पानी न पीएं। इससे भोजन की पाचन प्रक्रिया स्लो होती है। अगर आपको पानी पीने की जरूरत महसूस हो रही हैं तो महज एक या दो घूंट ही पानी पीएं। साथ ही कोशिश करें कि आप ठंडे पानी के स्थान पर गुनगुना पानी पीएं। वैसे भोजन से एक घंटे पहले पानी पीना काफी अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति की भूख पर नियंत्रण होता है और व्यक्ति अधिक कैलोरी का सेवन करने से बच जाता है, जिससे वजन भी नियंत्रित रहता है।
हमेशा पीएं बैठकर
अक्सर हम घरों में देखते हैं कि लोग हमेशा जल्दी में होते हैं और कहीं भी आते−जाते या गर्मी के मौसम में सीधे ही फ्रिज से निकालकर पानी पीते हैं। लेकिन उनकी यही खड़े होकर पानी पीने की आदत सेहत को नुकसान पहुंचाती है। सबसे पहले तो ऐसा करने से व्यक्ति को तृप्ति का अहसास नहीं होता। साथ ही ऐसा करने से व्यक्ति के जोड़ों में भी दर्द की शिकायत होती है। इसलिए हमेशा बैठकर व आराम से ही पानी पीएं। एक साथ एक गिलास पानी पीने की बजाय घूंट−घूंटकर पानी पीना अच्छा रहेगा।
