स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को मायावती ने बताया चुनावी भाषण

उत्तर प्रदेश
लखनऊ : स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले से दिये गये संबोधन को पूर्ण रूप से राजनीतिक शैली का चुनावी भाषण बताते हुए बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को कहा कि इस लम्बे-चौड़े भाषण से सवा सौ करोड़ आबादी वाले देश को ना तो नयी ऊर्जा मिली और ना ही कोई नयी उम्मीद. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश की आम जनता को उसके जान-माल व मजहब की सुरक्षा की अति-महत्त्वपूर्ण संवैधानिक गारंटी का आश्वासन देना भी भूल गये जबकि यह आज देश की आवश्यकता नंबर वन बन गयी है.

मायावती ने एक बयान में कहा कि ‘उन्हें ऐसा राजनीतिक भाषण संसद में देना चाहिए था ताकि वहां सरकार की जवाबदेही तय हो सके तथा उनकी सरकार के अनेकों प्रकार के दावों की सत्यता को कसौटी पर परखा जा सके. लाल किले से भाषण देश को नयी उम्मीद जगाने व नया विश्वास दिलाने के लिये होना चाहिए.’

उन्होंने कहा कि लाल किले के भाषण को राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता तो बेहतर होता, लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा अपनी संकीर्ण व विद्वेष की राजनीति से ऊपर उठकर काम करने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि ‘वैसे गरीबी, महंगाई तथा बेरोजगारी आदि की भयंकर समस्या के साथ-साथ वर्तमान की असली चिन्ता एवं समस्या खासकर विश्व की बहुत ही तेज़ी से बदलती हुई राजनीतिक परिस्थिति व व्यापार के जारी संकट के हालात हैं, जिससे पेट्रोल व डीजल के साथ-साथ भारतीय मुद्रा व विदेशों में बसे भारतीय बहुत ही ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.’

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