प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सभी का भला और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है और यही ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ का आधार है। उन्होंने यहां सामाजिक अधिकारिता शिविर में कहा कि पहली की सरकारों में दिव्यांगों को बेसहारा छोड़ दिया था, लेकिन राजग सरकार दिव्यांगों और बुजुर्गों की समस्याओं पर पूरा ध्यान दे रही है। यहां परेड ग्राउंड में दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों को सहायक उपकरण बांटने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने आपकी एक-एक समस्या के बारे में सोचा और उसे दूर करने का प्रयास किया। पहले की सरकारों के समय इस तरह के महाशिविर गिनती के लगे थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीते पांच साल में हमारी सरकार ने अलग अलग इलाकों में करीब 9,000 शिविर लगाए हैं जिनमें 900 करोड़ रुपये मूल्य के सहायक उपकरण बांटे गए हैं। वहीं इससे पूर्व की सरकार के कार्यकाल में 380 करोड़ रुपये से भी कम के उपकरण बांटे गए।’’
सभी का भला और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व हैः नरेंद्र मोदी
मोदी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने सुगम्य भारत अभियान चलाकर सैकड़ों सरकारी इमारतों को दिव्यांगों के लिए सुगम्य बनाया। इसी तरह 700 से अधिक रेलवे स्टेशन और हवाईअड्डे दिव्यांगजन के लिए सुगम बनाए जा चुके हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एक राज्य से दूसरे राज्य जाने वाले दिव्यांगों की भाषाई दिक्कतें दूर करने के लिए एक कॉमन साइन लैंग्वेज पर काम किया गया। इसके लिए सरकार ने इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की। इससे तमिलनाडु और कश्मीर का व्यक्ति भी इस भाषा को समझ सकेंगे।’’ उन्होंने बताया, ‘‘इस सेंटर ने करीब 6,000 आम शब्दों का एक शब्दकोश भी तैयार कर लिया है। 400 से अधिक सरकारी वेबसाइटों और मुद्रा को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया गया है। राजग सरकार ने दिव्यांगजनों के अधिकारों को स्पष्ट करने वाला कानून लागू किया। इससे दिव्यांगजन के सात अलग अलग वर्गों को बढ़ाकर 21 कर दिया गया है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस सरकार ने दिव्यांगों की नियुक्ति के लिए न केवल विशेष अभियान चलाया, बल्कि सरकारी नौकरियों में उनका आरक्षण तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया। साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों में उनका आरक्षण तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया।’’ मोदी ने कहा, ‘‘दिव्यांगों का कौशल विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। हमारी सरकार ने दो लाख दिव्यांगों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया है और पांच लाख दिव्यांग साथियों को कौशल विकास प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चाहे उद्योग हो या खेल का मैदान हो, दिव्यांगों की भागीदारी जरूरी है। ग्वालियर में एक स्पोर्ट्स सेंटर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इस केंद्र में प्रशिक्षण, चयन, पढ़ाई लिखाई, अनुसंधान, चिकित्सकीय सुविधाएं दिव्यांगजन को उपलब्ध होंगी।’’