मुक्तेश्वर दुबे ब्यूरो चीफ अयोध्या टाइम्स
माथे पर टिका, कलाई पर राखी, मुंह पर मुस्कान, दिल में प्यार, रक्षा के वचन संग बहन को उपहार, यही है रक्षाबंधन का त्यौहार ये पंक्तियां सही ही कही गई है। सावन पूर्णिमा को मनाया जाने वाला भाई-बहनों के बीच स्नेह का पर्व रक्षाबन्धन इस साल सावन के आखिरी सोमवार 3 अगस्त को पड़ा। इस साल रक्षाबन्धन पर सावन पूर्णिमा व श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बना था। यह बहुत ही उत्तम संयोग है। रक्षा बंधन पर बन रहे ये संयोग बहुत ही लाभदायक होंगे। इस दिन तीन विशेष संयोग बनने पर बहन-भाइयों को विशेष लाभ मिला। ज्योतिषों के अनुसार भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन इस बार बहुत खास रहा, क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग बना था। इस त्योहार में बहनें हफ्ता दिन पहले से ही रक्षा बंधन की तैयारी में जुट गई थी। कोरोना संक्रमण के बीच त्योहार को यादगार बनाने के लिए अपने स्तर पर तैयारियां कर रही थी। भाई के लिए स्पेशल राखी खरीदा जा रहा था। बाजार में मिलने वाला राखी का महत्व केवल प्रतीकात्मक धा। शास्त्र की बात करें तो रक्षाबंधन के दिन भाईयों की कलाई पर बाजार से खरीदे राखी के बजाय रक्षासूत्र बांधना श्रेयकर है। वैदिक रक्षासूत्र के लिए दूब, अक्षत, चंदन, सरसो और केसर और रेशम या पीले रंग के सूती का साफ कपड़ा की आवश्यक्ता होती है। दूब, अक्षत, केसर, चंदन, सरसो को गंगाजल से शुद्ध कर रेशम या पीले रंग के सूती कपड़े में बांध लें। सुविधा और पंडित के राय के अनुसार पांच चीज के अलावा रक्षासूत्र में हल्दी, कौड़ी, गोमती चक्र भी डाल सकते हैं।इस त्योहार में भाई बहन का प्रेम बहन बढ़ाने के लिए विपरित धर्म व जाति के भाई बहनों का रक्षाबन्धन महत्वपुर्ण होता है। इन भाई बहनों का यह त्योहार बेसब्री से इन्तेजार किया जाता है।बर्दगोनिया में पिछले 10 बर्षों से अनुपम यादव को लालिमा यादव, अनिल यादव को सुमन दिनेश यादव को मीना यादव पिंटू यादव को सरिता यादव हर साल अपने भाइयों के कलाई पर राखी बांधकर भाई बहन के प्यार को और गहरा बनाता है।