माध्यमिक परिषद परिणाम घोषित होने के बाद अब असली परीक्षा: एसपी अजय कुमार

E-PAPER उत्तर प्रदेश मैनपुरी
मैनपुरी के आईपीएस अजय कुमार ने विद्यार्थियों के मन में अद्भुत ऊर्जा का संचार अपने जीवन काल के समय तमाम विपत्तियों और असफलताओं को लेकर विद्यार्थियों को ऊर्जावान कठिनाइयों से हारना मानकर खुद को इतना शक्तिमान बनाने की प्रेरणा दी।
पुलिस की पाठशाला में छात्राओं से परिचय पूछते हुए मैनपुरी IPS अजय कुमार

संवाददाता:हरिओम द्विवेदी:- मैनपुरी आईपीएस अजय कुमार ने हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट के परीक्षा परिणाम आने पर समस्त विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई देते हूए कहा कि, बहुतों के लिए असली परीक्षा की घड़ी अब शुरू हुई है। यह परीक्षा है उनके-

-धैर्य की

-विवेक की

-सहनशीलता की

-आत्मविश्वास की

ऐसा लिखने और कहने की ज़रूरत इसलिए पड़ी कि इसकी ज़रूरत ख़ास तौर पर उन युवकों और युवतियों के लिए बहुत ज़्यादा है जो—

*-परीक्षा में किन्हीं कारणों से असफल हो सकते हैं; या*

*-सफल तो होंगे पर कम अंक प्राप्त कर पाएँगे; या*

-जितनी उनकी और उनके घर वालों की उम्मीदें थी उतना नहीं प्राप्त कर सकेंगे।

मेरी ऐसे तमाम छात्र-छात्राओं और उनके माता पिता से अपील है कि भावुकता में कदापि ना बहें। *सफलता-असफलता, हार-जीत यह सब तो जीवन और मृत्यु की तरह अटल है। इस दुनिया में ऐसा कोई ना हुआ है जो सदैव ही जीतता रहा हो, सदैव ही विजयी रहा हो।* हर कोई….दोबारा कहूँगा…हर कोई…कभी ना कभी या कई-कई बार हारता है तब जाकर उसकी जीत मुकम्मल होती है। यही सच है।

पर, *हम सभी के सामने जीत की कहानियाँ ही ज़्यादातर परोसी जाती हैं। हार की गाथाएँ बहुत कम आ पाती हैं।* परन्तु हार की गाथाओं से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। उनका महत्व क़तई कम नहीं है।

*जीत की गाथाएँ पढ़ते सुनते हमारे 15-18 वर्ष उम्र वर्ग के मासूम छात्र-छात्राएँ कई बार हार या असफलता को सही तेवर में, सही भाव में और सहजता से नहीं ले पाते हैं और भटक कर ग़लत फ़ैसले ले लेते हैं जोकि उनके, उनके परिवार और सम्पूर्ण समाज के लिए घनघोर पीड़ादायक हो जाता है।*

*IPS में आने से पहले मैं भी छात्र जीवन में बहुत बार असफल हुआ हूँ।* असफल होने पर एक बार दुख तो होता ही है, परन्तु उस दुख को अपनी ऊर्जा, अपनी ताक़त और जीतने की ज़िद बना लेने की ज़रूरत होती है। फिर से मेहनत करने की ज़रूरत होती है; अपने में सुधार कर फिर से आगे बढ़ने की ज़रूरत होती है। *सफलता एक न एक दिन ज़रूर मिलती है, इसमें कोई शक नहीं है।*

मेरा सभी छोटे भाई-बहनों से अपील है कि हार को सकारात्मक ढंग से लें; लोगों की अनर्गल बातों को, तानों और टिप्पणियों को अनसुना कर दें। *हतोत्साहित करने वालों से दूर रहें और अपने में सुधार कर आगे बढ़ जाएँ। समय और जीवन अनमोल है, इसे क़तई बर्वाद ना करें। सुनहरा भविष्य आपका इंतज़ार कर रहा है…उससे मिलने के लिए पूरी ऊर्जा और लगन से कड़ी मेहनत जारी रखें!बहुत बहुत शुभकामनाएँ !!*

बारम्बार आशीर्वाद और शुभकामनाएँ !!

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