नयी दिल्ली। अपनी दमदार आवाज और अनूठी अदा से अपने विरोधियों एवं प्रतिद्वंद्वियों को अक्सर ‘‘खामोश’’ कराते रहे शत्रुघ्न सिन्हा पिछले करीब पांच साल से भाजपा में अपनी अनदेखी के खिलाफ पार्टी के भीतर और बाहर अपने बागी तेवर और तीखे तंजों से आक्रामक रहे हैं। पार्टी के खिलाफ उनकी इस मुखरता से 2019 लोकसभा चुनाव में ‘‘बिहारी बाबू’’ को टिकट नहीं मिलना लगभग तय है और पार्टी से उनके अलविदा कहने की भी प्रबल संभावना प्रतीत हो रही है। स्वयं सिन्हा ने भाजपा छोड़ने का हाल में संकेत देते हुए ट्वीट किया, ‘‘ जनता से किए गए वादे अभी पूरे होने बाकी हैं…मोहब्बत करने वाले कम न होंगे, तेरी महफिल में लेकिन हम न होंगे।’’ ट्वीट में उनका संकेत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ है। पटना साहिब से भाजपा सांसद सिन्हा ने साल 1969 में फिल्म ‘साजन’ से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी। सिन्हा ऐसे मंझे हुए अभिनेता हैं कि उन्होंने खलनायक और नायक, दोनों के किरदारों में कई ब्लॉकबास्टर फिल्में दीं और उनके ‘अबे खामोश….’ जैसे अनेक संवादों ने बॉलीवुड में धूम मचाई। सिन्हा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार वह 1974 में पहली बार लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सम्पर्क में आये। जयप्रकाश के व्यक्तित्व ने उन्हें राजनीति के माध्यम से सार्वजनिक जीवन उतरकर जन कल्याण के कार्यों में संलग्न होने के लिए प्रेरित किया।