खुली रहेगी मधुशाला

कविता लेख लेख(कहानी)
नहीं मिल रहा राशन पानी
मिलेगी लेकिन मधुशाला
घर में बैठके मक्खी मारो
दर्द में है पीने वाला।
नशा मुक्त भारत हो जाता
कैसे चलती मधुशाला
व्यवसाय रुका है गरीबों का
जो नोट की जपते थे माला।
आपत्ति नहीं जताओ कोई
खुलने दो ये मधुशाला
कोरोना शायद मुक्त हो सके
जब भीड़ जाएगी मधुशाला।
राम रहीम भी घर में पड़े हैं
मूर्ख जाएंगे मधुशाला
हम आप अमीर तो ऐसे हैं
अब बन्द करो घर का ताला।
बन्द रहेगी मंदिर मस्जिद
खुली रहेगी मधुशाला
ईश्वर अल्लाह मन में बसे हैं
सब देख रहा ऊपरवाला।
©साक्षी सांकृत्यायन
प्रयागराज उत्तर प्रदेश

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